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योग रखेगा आपको निरोग, सीखें ये प्राणायाम

Triveni
11 Jan 2021 6:39 AM GMT
योग रखेगा आपको निरोग, सीखें ये प्राणायाम
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शरीर निरोग और स्वस्थ रहे इसके लिए रोजाना योगाभ्‍यास करना बेहद जरूरी है. इससे जॉइंट्स मजबूत होंगे और शरीर रोगों से लड़ने में सक्षम रहेगा.

जनता से रिश्ता वेबडेसक | शरीर निरोग और स्वस्थ रहे इसके लिए रोजाना योगाभ्‍यास करना बेहद जरूरी है. इससे जॉइंट्स मजबूत होंगे और शरीर रोगों से लड़ने में सक्षम रहेगा. शरीर कीअकड़न दूर होगी. आज के लाइव योगा सेशन में नाड़ी शोधन और मूलबंध लगाने के अलावा कई महत्‍वपूर्ण योगाभ्‍यास सिखाए गए. कुछ लोग लंबे समय से वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. ऐसे में उन्‍हें सर्वाइकल पेन की दिक्‍कत न हो और कंधे आदि मजबूत बने रहें इसके लिए कुछ सूक्ष्‍म व्‍यायाम बेहद कारगर होते हैं. साथ ही वृक्षासन जैसे ध्‍यानात्‍मक आसन भी महत्‍वपूर्ण हैं, जो शरीर को ऊर्जावान बनाने के साथ इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत बनाते हैं. इसके अलावा व्‍यायाम से पहले ये तीन नियम जरूर ध्‍यान रखें कि गहरा लंबा श्‍वास लें, गति का पालन करें और अपनी क्षमता के अनुसार योग करें. नियमित रूप से योग करने से शरीर में एनर्जी का संचार तो होता है. साथ ही कई प्रकार की बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है.

बटरफ्लाई आसन:
बटरफ्लाई आसन को तितली आसन भी कहते हैं. महिलाओं के लिए ये आसन विशेष रूप से लाभकारी है. बटरफ्लाई आसन करने के लिए पैरों को सामने की ओर फैलाते हुए बैठ जाएं,रीढ़ की हड्डी सीधी रखें. घुटनो को मोड़ें और दोनों पैरों को श्रोणि की ओर लाएं. दोनों हाथों से अपने दोनों पांव को कस कर पकड़ लें. सहारे के लिए अपने हाथों को पांव के नीचे रख सकते हैं. एड़ी को जननांगों के जितना करीब हो सके लाने का प्रयास करें. लंबी,गहरी सांस लें, सांस छोड़ते हुए घटनों एवं जांघो को जमीन की तरफ दबाव डालें. तितली के पंखों की तरह दोनों पैरों को ऊपर नीचे हिलाना शुरू करें. धीरे धीरे तेज करें. सांसें लें और सांसे छोड़ें. शुरुआत में इसे जितना हो सके उतना ही करें. धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं.
नाड़ी की जांच करें: प्राणायाम से पहले नाड़ी को चेक करें. इसके लिए पहले दायीं तरफ नासिका के छिद्र को बंद करें और बाएं से 10 बार सांस लें और छोड़ें. ठीक इसी तरह, बायीं तरफ भी करना है ताकि आप नाड़ी चेक कर पाएं.
प्राणायाम:
भस्त्रिका: सबसे पहले ध्यान या वायु मुद्रा में बैठकर भस्त्रिका व्यायाम करें. यह मुख्य रूप से डीप ब्रीदिंग है. करीब पांच मिनट तक रोजाना डीप ब्रीदिंग करें, इससे आपका रेस्पिरेटरी सिस्टम मजबूत हो जाएगा. भस्त्रिका का अभ्‍यास कोरोना के समय में अपने लंग्‍स की कैपिसिटी को बढ़ाने के लिए करें.इससे आपका रेस्पिरेटरी सिस्टम मजबूत होगा. भस्त्रिका प्राणायाम बहुत ही महत्वपूर्ण प्राणायाम है. इससे तेजी से रक्त की शुद्धि होती है. साथ ही शरीर के विभिन्न अंगों में रक्त का संचार तेज होता है.
कपालभारती: कपालभारती बहुत ऊर्जावान उच्च उदर श्वास व्यायाम है. कपाल अर्थात मस्तिष्क और भाति यानी स्वच्छता अर्थात 'कपालभारती' वह प्राणायाम है जिससे मस्तिष्क स्वच्छ होता है और इस स्थिति में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली सुचारु रूप से संचालित होती है. वैसे इस प्राणायाम के अन्य लाभ भी हैं. लीवर किडनी और गैस की समस्या के लिए बहुत लाभ कारी है. कपालभाति प्राणायाम करने के लिए रीढ़ को सीधा रखते हुए किसी भी ध्यानात्मक आसन, सुखासन या फिर कुर्सी पर बैठें. इसके बाद तेजी से नाक के दोनों छिद्रों से सांस को यथासंभव बाहर फेंकें. साथ ही पेट को भी यथासंभव अंदर की ओर संकुचित करें. इसके तुरंत बाद नाक के दोनों छिद्रों से सांस को अंदर खीचतें हैं और पेट को यथासम्भव बाहर आने देते हैं. इस क्रिया को शक्ति व आवश्यकतानुसार 50 बार से धीरे-धीरे बढ़ाते हुए 500 बार तक कर सकते हैं लेकिन एक क्रम में 50 बार से अधिक न करें. क्रम धीरे-धीरे बढ़ाएं. इसे कम से कम 5 मिनट और अधिकतम 30 मिनट तक कर सकते हैं.
कपालभारती के फायदे
ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है
सांस संबंधी बीमारियों को दूर करमे में मदद मिलती है. विशेष रूप से अस्थमा के पेशेंट्स को खास लाभ होता है.
महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी
पेट की चर्बी को कम करता है
पेट संबंधी रोगों और कब्ज की परेशानी दूर होती है
रात को नींद अच्छी आती है
मूलबंध: बाएं पांव की एड़ी से गुदाद्वार (Anus) को दबाकर, फिर दाएं पांव को बाएं पांव की जांघ पर रखकर सिद्धासन में बैठ जाएं. इसके बाद गुदा को सिकोड़ते हुए नीचे की वायु को ऊपर की ओर खींचने की कोशिश करें.
अनुलोम विलोम प्राणायाम: सबसे पहले पालथी मार कर सुखासन में बैठें. इसके बाद दाएं अंगूठे से अपनी दाहिनी नासिका पकड़ें और बाई नासिका से सांस अंदर लें लीजिए. अब अनामिका उंगली से बाई नासिका को बंद कर दें. इसके बाद दाहिनी नासिका खोलें और सांस बाहर छोड़ दें. अब दाहिने नासिका से ही सांस अंदर लें और उसी प्रक्रिया को दोहराते हुए बाई नासिका से सांस बाहर छोड़ दें.
अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे
-फेफड़े मजबूत होते हैं
-बदलते मौसम में शरीर जल्दी बीमार नहीं होता.
-वजन कम करने में मददगार
-पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाता है
-तनाव या डिप्रेशन को दूर करने के लिए मददगार
-गठिया के लिए भी फायदेमंद


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