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World Anaesthesia Day 2020: जानें एनेस्थीसिया का शरीर में क्या है असर...बदली दी विज्ञान की दिशा...इतिहास और महत्व
एनेस्थीसिया का क्या काम होता है?
एनेस्थीसिया की दवा मस्तिष्क के साथ गुजरनेवाली नसों के संकेत को अवरोद्ध करने का काम करती है. दवा के इस्तेमाल के बाद मरीज बेहोशी की स्थिति में पहुंच जाता है. मगर उसका असर खत्म होने पर मरीज की संवेदनाएं वापस आ जाती हैं. दवाई श्वसन मास्क या ट्यूब के जरिए दी जाती है या फिर सुई के माध्यम से भी लगाया जाता है. सर्जरी के दौरान सही सांस लेने के लिए श्वसन ट्यूब को विंडपाइप में डाला जाता है.
कितने तरह का एनेस्थीसिया होता है?
स्थानीय एनेस्थीसिया शरीर के एक छोटे हिस्से को सुन्न करता है. ये दांतों को खींचने, गहरी कट या टांका हटाने से होने वाले दर्द को कम करता है. क्षेत्रीय एनेस्थीसिया शरीर के बड़े हिस्से में दर्द और गति को दबाता है. ये मरीज को पूरी तरह सचेत, बात करने और सवालों के जवाब देने में सक्षम बनाता है. प्रसव के दौरान एपिड्यूरल इसका एक उदाहरण है. सामान्य एनेस्थीसिया पूरे शरीर को प्रभावित करता है. ये मरीज को बेहोश और चलने फिरने में असमर्थ बनाता है.
सामान्य एनेस्थीसिया को देर तक चलनेवाली और बड़ी सर्जरी के दौरान इस्तेमाल किया जाता है. जब छोटी खुराक में दिया जाता है, तो सामान्य एनेस्थीसिया गोधूलि नींद को प्रेरित कर सकता है, जिसमें कोई शख्स बेहोश, आराम महसूस करता है और नहीं जान पाता कि क्या हो रहा है. एनेस्थीसिया से पहले मरीज के शरीर का तापमान, सांस दर, ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन लेवल, द्रव्य स्तर को देखा जाता है. इसको मापकर ही जरूरत पड़ने पर किसी मरीज को ज्यादा द्रव्य या ब्लड दिया जा सकता है.
एक बार जब सर्जरी पूरी हो जाती है, तो एनेस्थीसिया की दवा को रोक दिया जाता है. उसके बाद मरीज को रिकवरी रूम ले जाया जाता है. डॉक्टर और नर्स मरीज के दर्द की स्थिति का मुआयना करते हैं और ये समझते हैं कि क्या सर्जरी के बाद समस्या तो नहीं आ रही है. एनेस्थीसिया से जागने के बाद मरीज को कई लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है. सुस्ती, गले में खराश, अर्धनींद, मांसपेशी में दर्द, भ्रम, कंपकपी प्रमुख लक्षण होते हैं.