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शव की मुद्रा में लेटकर योग करना शवासन कहलाता है। इस योग को करने से थकान दूर होती है
आधुनिक समय में सेहतमंद रहना बड़ी चुनौती है। महिलाओं के लिए यह और भी कठिन है। महिलाएं जिम्मेवारी के निर्वहन में इतनी व्यस्त हो जाती हैं कि उन्हें अपनी खबर नहीं रहती है। इससे उनके मानसिक और शारीरिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है। खासकर, माहवारी और हार्मोनल चेंजेस के चलते महिलाओं को कई प्रकार की समस्याओं से गुजरना पड़ता है। अत: महिलाओं को अपनी सेहत पर पूरा ध्यान देना चाहिए। अगर आप भी 30+ कल्ब में शामिल हैं और सेहतमंद रहना चाहती हैं, तो रोजाना संतुलित आहार लें और एक्सरसाइज एवं योग करें। योग के कई आसन हैं। इनमें बालासन, शवासन और मार्जरी आसन 30+ उम्र की महिलाओं के लिए वरादन साबित होते हैं। आइए, इन 3 योगासन के बारे में जानते हैं-
बालासन करें
महिलाओं को होने वाली माहवारी की वजह से कमर और कूल्हों में दर्द होता है। साथ ही मूड स्विंग भी होता है। इससे महिलाओं में चिड़चिड़ापन की समस्या होती है। इन परेशानियों को दूर करने के लिए रोजाना बालासन करें। इस योग को करने से संपूर्ण शरीर में रक्त का संचार होता है। जबकि जांघों, कूल्हों और टखनों में मजबूती आती है। मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा, कमर और पीठ दर्द में भी राहत मिलता है।
कैट पोज करें
इस योग को बिल्ली की मुद्रा में आकर करना होता है। महिलाओं को रोजाना कैट पोज योग जरूर करना चाहिए। इस योग को करने से रीढ़ और पीठ की मांसपेशियों में लचीलापन आता है। इससे संपूर्ण शरीर में रक्त का सही से संचार होता है। इसके अलावा, कमर, पीठ और गर्दन दर्द में राहत मिलता है। साथ ही तनाव भी दूर होता है। महिलाओं के लिए कैट पोज किसी वरदान से कम नहीं है।
शवासन करें
शव की मुद्रा में लेटकर योग करना शवासन कहलाता है। इस योग को करने से थकान दूर होती है। इस योग को करने से तनाव और अवसाद में राहत मिलता है। वहीं, रक्तचाप भी कंट्रोल में रहता है। इस योग को ध्यान योग भी कहा जाता है। शवासन करने से थकान दूर होता है। इसके लिए रोजाना शवासन जरूर करें।
Apurva Srivastav
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