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मेनोपॉज;महिलाएं अपने 45 से 50 उम्र के बीच मेनोपॉज से गुजरती हैं. मेनोपॉज का मतलब है महिलाओं के पीरियड्स का बंद होना. जैसे पीरियड्स आना हर महिला या लड़की के हेल्दी लाइफस्टाइल का सूचक है ठीक उसी तरह एक सही टाइम पर पीरियड्स बंद होना भी यह दर्शाता है कि आप शारीरिक रूप से हेल्दी हैं. लेकिन इन सभी बातों के बीच सबसे जरूरी बात यह है कि हर महिला को पीरियड्स बंद होने के बाद अपने शरीर का खास ख्याल रखना. जब पीरियड्स बंद होता है तब शरीर के अंदर कई हार्मोनल उतार-चढ़ाव आते हैं उस दौरान ऐसा क्या करें या किस तरह से अपना ख्याल रखें कि आपकी सेहत पर इसका बुरा असर न दिखें.
मेडिकल चेकअप
पीरियड्स बंद होने के बाद आपको हमेशा हॉस्पिटल भागने या बार-बार दवाई लेने के बजाय आपको अपनी लाइफस्टाइल में कुछ सुधार करने की जरूरत है. आप अपने बॉडी पर ध्यान दें साथ ही खुद से भी ध्यान दें कि आपके शरीर में कुछ बदलाव तो नहीं हो रहे हैं.जिससे आपको आगे जाकर तकलीफ का सामना न करना पड़े.
डाइट का खास ध्यान रखें
पीरियड्स बंद होने के बाद यानि मेनोपॉज के बाद महिलाओं को अपने डाइट का खास ध्यान रखना चाहिए. ज्यादा से ज्यादा हेल्दी चीजों को अपने डाइट में शामिल करें. वैसी चीजें ज्यादा खाएं जिसमें फाइबर, कैल्शियम ज्यादा हो क्यों 30 के बाद महिलाओं की हड्डी कमजोर होने लगती है. पत्तेदार सब्जियां, फ्रूट्स जरूर से जरूर खाएं. साथ ही कोशिश करें कि नमकीन और सोडियम कम खाएं. पीरियड्स बंदे होने के बाद शरीर में कई तरह की परेशानियां बढ़ने लगती है.
कैल्शियम जरूर लें
मेनोपॉज के बाद डाइट में ज्यादा से ज्यादा कैल्शियम को शामिल करें. मेनोपॉज के वक्त कैल्शियम काफी ज्यादा जरूरी होता है. जिससे हड्डियां कमजोर न हो. इसलिए ज्यादा से ज्यादा दूध, दही, अंडा और मछली खाएं.
एक्सरसाइज और योग वक्त निकालकर जरूर करें
बहुत सारी हाउसवाइफ खुद के हेल्थ के लिए एकदम वक्त नहीं निकाल पाती हैं. लेकिन आपको मेनोपॉज के बाद किसी भी तरह वक्त निकालकर एक्सरसाइज करना चाहिए. यह आपको काफी राहत देगी. पीरियड्स बंद होने के बाद मेडिटेशन और योग अच्छी हेल्थ की कुंजी है. इससे आपका तनाव और स्ट्रेस दूर रहता है. और आपका ब्रेन पॉवर बढ़ता है.
मेनोपॉज के बाद ओवेरियन कैंसर का खतरा
ओवेरियन कैंसर महिलाओं के ओवरी में शुरू होता है और बाद में शरीर के दूसरों भागों में फैल जाता है. हालांकि ओवेरियन कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है. वैसे तो 50 साल की महिलाओं में यह बीमारी बेहद आम है. ‘अमेरिकन कैंसर सोसायटी’ के मुताबिक ओवेरियन कैंसर के आधे मामले 63 या उससे अधिक उम्र की महिलाओं में पाए जाते हैं. मेनोपॉज के उम्र में ही ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है
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