लाइफ स्टाइल

सनग्लासेज़ पहनने के क्या फायदे हैं

Apurva Srivastav
2 Feb 2023 12:22 PM GMT
सनग्लासेज़ पहनने के क्या फायदे हैं
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अगर आप धूप का चश्मा नहीं लगाते, तो समय के साथ ड्राई आइज़, संकरी आंखें, मोतियाबिंद और ग्लॉकोमा हो सकता है
सनग्लासेज़ लंबे समय से स्टाइल का अहम हिस्सा रहे हैं। ज़्यादातर लोग तेज़ धूप से अपनी आंखों को बचाने के लिए इसे लगाते हैं, तो वहीं, कई लोग सिर्फ स्टाइल स्टेटमेंट के लिए इनका उपयोग करते हैं। मार्केट में लगातार नए टिंट, शेड्स और आकार के सनग्लासेज़ आपको मिल जाएंगे। आज सनग्लासेज़ सिर्फ एक फैशन स्टेटमेंट नहीं, बल्कि एक ज़रूरी एक्ससेसरी बन गया है।
आंखों के लिए कितने ज़रूरी हैं सनग्लासेज़?
आंखों को सुरक्षित रखने के लिए सनग्लासेज़ बेहद ज़रूरी हैं, खासतौर पर जो लोग बाहर धूप में ज़्यादा वक्त गुज़ारते हैं। धूप का चश्मा आंखों को हानिकारक पदार्थों और सूरज की यूवी किरणों के प्रभाव से बचाता है। जो लोग धूप में ज़्यादा वक्त बिताते हैं, खासतौर पर जो लोग पहाड़ों पर रहते हैं और खेती, फिशिंग या दूसरी एक्टिविटीज़ में शामिल रहते हैं, वे अक्सर आंखों से जुड़ी दिक्कतें झेलते हैं।
धूप से किस तरह की समस्याएं हो सकती हैं?
अगर आप धूप का चश्मा नहीं लगाते, तो समय के साथ ड्राई आइज़, संकरी आंखें, मोतियाबिंद और ग्लॉकोमा हो सकता है। जिससे न सिर्फ आंखें कमज़ोर होती हैं, बल्कि रोशनी भी जा सकती है। यानी सनग्लासेज़ का उपयोग न सिर्फ आपकी आंखों को स्वस्थ रखता है, बल्कि मोतियाबिंद, कॉरिनयल डीजेनेरेशन, ड्राई आइज़, रेटिना को नुकसान और आंखों के आसपास की त्वचा पर कैंसर के ख़तरे को भी कम करता है।

सनग्लासेज़ पहनने के क्या फायदे हैं?

सनग्लासेज़ पहनने से सूरज की यूवी किरणों से आंखों को बचाया जा सकता है। जिससे रेटिना को नुकसान, मोतियाबिंद और ग्लॉकोमा जैसी बीमारियों से बच सकते हैं।
आंखें प्रदूषण और धूल से भी सुरक्षित रहती हैं।
यह सूरज की तेज़ रोशनी को आंखों तक पहुंचने से बचाते हैं, जिससे सिर दर्द या फिर आंखों में पानी आने जैसे समस्याएं नहीं होतीं।
लंबी समय तक धूप में रहने से आंखों के आसपास की त्वचा पर कैंसर को जोखिम बढ़ जाता है। सनग्लासेज़ यह ख़तरा भी कम करते हैं।
सनग्लासेज़ खरीदते वक्त किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
सनग्लासेज़ डिज़ाइन को देखकर और कहीं से भी न लें। इसे चश्मे की दुकान से ही खरीदें।
पोलराइज़्ड लेन्स वाले सनग्लासेज़ अच्छे होते हैं। इनमें खास तरह का कैमिकल लगाया जाता है, जिससे यह रोशनी को फिल्टर कर पाते हैं। खासतौर पर यूवी किरणें।
ऐसे ग्लासेज़ चुनें जिनके लेन्स पर यूवी फिल्टर हो।
अगर ग्लासेज़ डुअल टोन्ड हैं, तो ध्यान रखें की ऊपर से डार्क हों और नीचे से हल्के। ऐसा इसलिए क्योंकि धूप ऊपरी हिस्से पर ही पड़ती है।
सनग्लासेज़ कभी भी छोटे आकार वाले न लें। ऐसे ग्लासेज़ चुनें जिसमें आपकी पूरी आंखें सुरक्षित रहें।
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