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लाइफस्टाइल: सेहत के लिए धूम्रपान नुकसानदायक है। हृदय और फेफड़ों संबंधित कई गंभीर बीमारियों का खतरा धूम्रपान के कारण बढ़ सकता है। तंबाकू और सिगरेट की आदत से छुटकारा पाना आसान नहीं होता। स्वास्थ्य विशेषज्ञ अधिकतर किसी भी रोग का उपचार करने से पहले धूम्रपान के सेवन के बारे में रोगी से पूछते हैं और धूम्रपान न करने की सलाह देते हैं।
धूम्रपान की लत के कारण कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, फेफड़ों के रोग, मधुमेह और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) का जोखिम रहता है। धूम्रपान के जोखिम, इससे बचाव और सेहत को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर लोगों को सिगरेट और तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जाता है और धूम्रपान की आदत छुड़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
अध्ययनों से पता चला है कि धूम्रपान की लत को छोड़ना आसान नहीं होता है। लोग चाहकर भी धूम्रपान की आदत से छुटकारा नहीं पाते। धूम्रपान की लत छुड़ाना चाहते हैं तो कई तरह के नुस्खे अपना सकते हैं। हालांकि इसके लिए दृढ़ निश्चय होना चाहिए। किसी भी लत से छुटकारा पाने के लिए मानसिक तौर पर तैयार होना चाहिए। योग मानसिक स्थिति को मजबूत बनाने, ध्यान केंद्रित करने और धूम्रपान की इच्छा को कम करने में सहायक है। यहां धूम्रपान की आदत छोड़ने में मदद करने के लिए कुछ योगासन बताए जा रहे हैं।
कपालभाति प्राणायाम
धूम्रपान की लत छोड़ने के लिए कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास असरदार हो सकता है। कपालभाति का अभ्यास मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।कपालभाति प्राणायाम रक्त परिसंचरण में सुधार और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (सीएनएस) व्यवस्थित करने का काम करता है। मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ावा देने में सहायक होता है, जिससे धूम्रपान की इच्छा कम होने लगती है।
बालासन योग
बालासन का अभ्यास धूम्रपान की आदत को छोड़ने के लिए फायदेमंद है। इस आसन के अभ्यास से तंत्रिका तंत्र और तनाव को शांत रखने में मदद मिलती है। पेट व कमर की परेशानी में भी बालासन योग का अभ्यास फायदेमंद है। मांसपेशियों को आराम देने और शरीर को ऊर्जावान बनाने के लिए बालासन किया जा सकता है।
भुजंगासन
अधिक सिगरेट या गुटखे का सेवन करने से कई बीमारियों का खतरा रहता है। इस खतरे को कम करने और धूम्रपान की लत छुड़ाने के लिए मन को कंट्रोल करना चाहिए। भुजंगासन का अभ्यास मन को शांत रखने में मदद करता है। धूम्रपान से निकोटीन की आदत छूट सकती है। साथ ही पीठ व कमर की समस्या से राहत दिलाने के लिए भी भुजंगासन का अभ्यास किया जा सकता है।