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अच्छी नींद के साथ सेहतमंद रहने के लिए चंद्र नमस्कार का करें योग
सूर्य नमस्कार की तरह ही किया जाने वाला एक बेहतरीन योग है चंद्र नमस्कार। जिसके शरीर को कई सारे लाभ होते हैं। लेकिन जहां सूर्य नमस्कार को सुबह के समय किया जाता है वहीं चंद्र नमस्कार को रात्रि के समय। इस आसन के नियमित अभ्यास से मन शांत और रिलैक्स रहता है। चंद्र नमस्कार का नियमित अभ्यास से चेहरे पर एक अलग ही चमक नजर आती है। जिस तरह सूर्य नमस्कार के अभ्यास से शरीर में ऊर्जा और गर्मी पैदा होती है। उसी तरह चंद्र नमस्कार का अभ्यास करने से मन और शरीर को शीतलता प्रदान होती है।
कैसे करें चंद्र नमस्कार?
स्टेप – 1: ( नमस्कार ) नमस्कार करने के लिए सबसे पहले आप एक दरी या मोटी चादर बिछा लें। उसके बाद उसपर खड़े हो जाए। चंद्रमा की ओर अभिमुख होकर नमस्कार की मुद्रा में हाथों को वक्ष स्थल के सामने रखें।
स्टेप – 2: ( हस्त उत्तानासन ) अब सांस को अंदर भरते हुए हाथों को सामने से खोलकर उठाते हुए पीछे की ओर ले जाएं। स्पाइन को मोड़ें। नजरें आसमान की ओर रखें।
स्टेप – 3 : ( उत्तानासन ) अब सांस छोड़ते हुए हाथों को सामने से लाते हुए जमीन छूने की कोशिश करें। सिर को घुटने से लगाने का प्रयास करें।
स्टेप – 4 : ( अश्व संचालन ) अब अपना बायां पैर पीछे की ओर खिसका दें। पंजा जमीन पर स्थिर रहें। दायां घुटना आगे की ओर तान कर रखें। घुटना छाती के सामने रहेगा और पैर की एड़ी जमीन पर टिकी रहेगी। नजरें आसमान की ओर हों।
स्टेप – 5: ( अर्ध चंद्रासन ) संतुलन बनाते हुए अपने हाथों को नमस्कार मुद्रा में छाती के सामने से पीछे की ओर ले जाएं। नजरें बिल्कुल सीधी रखें। ठोड़ी जितना हो सके ऊपर की ओर उठाएं। हाथों को ऊपर की ओर खींचते समय पीठ और सिर को पीछे की ओर ताने व गहरी सांस लें। फिर सांस रोककर रखें। ( चंद्र नमस्कार )
स्टेप – 6: ( पर्वतासन ) सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों को नीचे ले आएं और दाएं पैर को पीछे की ओर ले जाते हुए पर्वतासन की स्थिति में आ जाए। शरीर का मध्य भाग ऊपर उठाएं और से नीचे की ओर कुछ देर रुकें।
स्टेप – 7: ( अष्टांग नमस्कार ) इस स्थिति में दोनों हाथ, दोनों पैर, दोनों घुटने, छाती एवं सिर या थोड़ी इन आठ अंगों से भूमि को स्पर्श करना होता है।
स्टेप – 8 : ( भुजंगासन ) सांस को अंदर भरते हुए वक्ष स्थल को ऊपर उठाकर हाथों को सीधा करने का प्रयास करें। हाथों की कोहनियां बगल में लगी हुई हो। ऊपर देखने की कोशिश करें।
स्टेप – 9 : ( पर्वतासन ) सांस छोड़ते हुए दोनों एड़ियां जमीन से लगाने का प्रयास करें। शरीर का मध्य भाग ऊपर उठाएं और सिर नीचे की ओर रखें। ठोड़ी कंठ से के साथ लगाएं। कुछ देर तक इस स्थिति में बने रहें।
स्टेप – 10 : ( अश्व संचालन ) अब सांस भरते हुए बायां पैर आगे दोनों हाथों के बीच ले आएं। गर्दन पीछे, कमर नीचे। इस पोजीशन में कुछ देर के लिए रुकें।
स्टेप – 11: ( अर्ध चंद्रासन ) एक बार फिर बैलेंस बनाते हुए हाथों को नमस्कार मुद्रा में छाती के सामने से पीछे की ले जाएं। नजरें ऊपर की ओर रखें। ठोड़ी जितना हो सके ऊपर की ओर उठाएं। हाथों को ऊपर की ओर खींचते समय एवं पीठ और सिर को पीछे की ओर खींचते वक्त गहरी सांस भरें।
स्टेप – 12: ( उत्तानासन ) सांस बाहर निकालते हुए, हाथ पीछे से लाते हुए सामने की ओर झुकाएं। फर्श को छूने की कोशिश करें। सिर को घुटने से लगाने का प्रयास करें।
स्टेप – 13: (हस्त उत्तानासन) सांस को अंदर भरते हुए हाथों को सामने से खोलकर उठाते हुए पीछे की ओर ले जाएं। स्पाइन को मोड़ें। नजरें ऊपर आसमान की ओर रखें।
स्टेप – 14: (नमस्कार) चंद्रमा की ओर नमस्कार की मुद्रा में हाथों को छाती के सामने रखें।