लाइफ स्टाइल

गर्दन की कूबड़ ठीक करने में मददगार है ये योग

Apurva Srivastav
10 May 2024 2:05 AM GMT
गर्दन की कूबड़ ठीक करने में मददगार है ये योग
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लाइफस्टाइल : लगातार झुककर बैठने की वजह से गर्दन पर कूबड़ निकलने की समस्या पैदा हो सकती है। हालांकि, इसके कई अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे खराब पोज में बैठना, पीठ की मांसपेशियों का कमजोर होना या रीढ़ की हड्डी से जुड़ी किसी समस्या आदि के कारण भी गर्दन पर कूबड़ निकल सकता है। इसलिए अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं, तो हम इसके लिए एक ऐसा उपाय बताने वाले हैं, जिससे इसे ठीक करने में काफी मदद मिल सकती है। गर्दन की कूबड़ (Neck Hump) को ठीक करने का सबसे अच्छा और फायदेमंद तरीका है योग। नियमित योग करने से गर्दन की कूबड़ से निजात पाने में मदद मिल सकती है। आइए जानें नेक हंप को ठीक करने में मददगार कुछ योगासनों के बारे में।
अर्ध मत्स्येंद्रासन
इस आसन को करने के लिए अपने एक पैर को मोड़ें और दूसरे को इसकी दूसरी तरफ रखें। अब अपने धड़ को अपने बाहर की तरफ रखे पैर की ओर मोड़ें। इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी की मूवमेंट में सुधार होता है और गर्दन और कंधों का तनाव कम होता है।
सेतु बंधासन
इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और अपने घुटनों को मोड़ें और पैरों को फर्श पर अच्छे से सपाट टिकाते हुए अपने कुल्हों को ऊपर उठाएं। ये आसन गर्दन, पीठ और कन्धे के ऊपरी हिस्से को मजबूत बनाए रखता है।
भुजंगासन
इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को अपने कन्धे के नीचे रखें । इसके बाद अपने पैर को फर्श पर रखते हुए अपनी छाती को ऊपर उठाएं और आसमान की तरफ देखें। इस प्रक्रिया को दोहराएं। इस आसन को करने से पीठ और गर्दन की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
बालासन
बालासन करने पर गर्दन और पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होती है, जिससे गर्दन के कूबड़ में होने वाले तनाव में राहत मिलती है। इसके नियमित अभ्यास से धीरे धीरे कूबड़ की समस्या से छुटकारा मिलता है। इस मुद्रासन को करने के लिए फर्श पर घुटने टिकाकर, एड़ियों के बल बैठ जाएं। इसके बाद अपने माथे को आगे चटाई पर टिकाते हुए अपनी दोनों भुजाओं को आगे की ओर फैलाएं ।
मार्जासन
इसे बिटिलासन भी कहते हैं । यह योग मुद्रा गर्दन और रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बनाए रखने में सहायक होता है। इस आसन को करने के लिए आप अपने घुटनों के बल बैठकर, दोनों हाथों को आगे करते हुए गाय के पोज में आएं। इसके बाद अपने पीठ को झुकाते हुए सांस लें और ऊपर की तरफ देखें और फिर सांस छोड़ते हुए गर्दन को आगे की तरफ झुकाते हुए अपनी ठुड्ढी को अपनी छाती से लगाएं।
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