- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- कोविड के साइड-इफेक्ट्स...
कोविड के साइड-इफेक्ट्स को कम करने में मददगार हैं ये योगासन
पिछले दो साल से दुनियाभर में जारी कोरोना संक्रमण ने लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाला है। डेल्टा जैसे वैरिएंट से संक्रमण की स्थिति में लोगों को कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसका स्वास्थ्य पर लंबे समय तक असर हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना वायरस शरीर के कई अंगों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, यही कारण है कि इससे पोस्ट कोविड की समस्याएं भी लंबे समय तक बनी रह सकती हैं। इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए लोगों को दैनिक जीवन में योगासनों को शामिल करने से लाभ मिल सकता है।
कोरोना संक्रमण चूंकि ऊपरी श्वसन तंत्र को विशेष रूप से प्रभावित करता है, यही कारण है कि फेफड़ों पर इसके गंभीर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। नियमित रूप से योग का अभ्यास करने से न सिर्फ फेफड़ों को मजबूती मिलती है, साथ ही यह पोस्ट कोविड की भी समस्याओं को कम करने में आपके लिए लाभदायक हो सकते हैं। आइए ऐसे ही तीन योगसानों के बारे में जानते हैं जिनका नियमित रूप से अभ्यास करना कोरोना की जटिलताओं और इसके कारण होने वाली समस्याओं को कम करने में लाभदायक हो सकता है।
कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम लंबी सांस लेने और सांस छोड़ने की तकनीक है। यह प्राणायाम आपकी एकाग्रता के स्तर को बढ़ाने और फेफड़ों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए उत्कृष्ट माना जाता है। शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त के परिसंचरण को बढ़ावा देने और तनाव-चिंता जैसी समस्याओं को दूर करने में भी इस योग के अभ्यास को लाभदायक माना जाता है।
धनुषासन योग
फेफड़ों को स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा तरीका है योग। योग तनाव के स्तर को कम करने के साथ फेफड़ों को मजबूत बनाकर उनकी कार्यक्षमता में सुधार करता है। धनुष मुद्रा या बो पोज योग का नियमित रूप से अभ्यास फेफड़ों की क्षमता में सुधार करता है और वायुमार्ग से बलगम को साफ करने में मदद कर सकता है। कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को अपने डॉक्टर की सलाह के आधार पर नियमित रूप से इस योग का अभ्यास जरूर करना चाहिए।
भुजंगासन योग
कोबरा पोज या भुजंगासन योग न केवल मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है बल्कि या छाती और फेफड़ों को फैलाने में भी मदद करता है। साइटिका की समस्या को कम करने, रीढ़ को मजबूत करने और अस्थमा के लक्षणों से राहत प्रदान करने में भी इस योग को लाभदायक माना जाता है। कोविड संक्रमित रह चुके लोगों के लिए इस योग का नियमित रूप से अभ्यास करना लाभदायक माना जाता है।