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- इस गर्मी में हीटवेव से...
लाइफस्टाइल: गर्मी मौसम में होने वाली बीमारियों से बचने के लिए पहले से ही तैयारी की जानी जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार, गर्मी के मौसम को पित्त दोष का कारण माना जाता है। ज्यादा गर्मी न सिर्फ डिहाइड्रेशन का कारण बनती है बल्कि स्किन के लिए परेशानी खड़ा कर देती है। ऐसे में मौसम के अनुसार ही, भोजन करना चाहिए। गर्मी के मौसम में मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है. ऐसे में डाइजेशन पर भी असर पड़ता है। इसलिए गर्मियों के दौरान ज्यादा तला-भुना या मसालों वाले खाने से बचना चाहिए। गर्मियों में हीट इंजरी से बचने के लिए आयुर्वेदिक चीजें भी फायदा कर सकती हैं। आइए आपको हीटवेव से बचाने वाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के बारे में बताते हैं। इससे आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होगी और पाचन भी दुरुस्त रहेगा।
ब्राह्मी: ब्राह्मी भारत की प्राचीन और पारंपरिक जड़ी-बूटियों में से एक हैं। ब्राह्मी का इस्तेमाल दिमाग को तेज करने के लिए किया जाता है। ये मन को शांत रखने के साथ-साथ स्ट्रेस को दूर करने में मदद करती है। हीटवेट से बचने के लिए ब्राह्मी बेहद फायदेमंद हो सकती है।
तुलसी: तुलसी बेहद पवित्र जड़ी-बूटियों में शामिल है। यह शरीर को डिटॉक्स करने के साथ-साथ क्लीजिंग एजेंट भी है। तुलसी शरीर को गर्मी से बचाने में बेहद फायदेमंद है। स्ट्रेस को दूर करने के साथ-साथ तुलसी शरीर को गर्मी से होने वाली दिक्कतों से बचाती है।
मंजिष्ठा: मंजिष्ठा शरीर में टॉक्सिंस को बाहर निकालने का काम करती है। इस जड़ी-बूटी का स्वाद तो कड़वा होता है लेकिन इसे हाने वाले फायदों की लिस्ट बेहद लंबी है। इसमें क्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट, एंटी इफ्लामेशन और एंटी माइक्रोबियल जैसे तत्व पाए जाते हैं। मंजिष्ठा को आयुर्वेद की सबसे कीमकी जड़ी-बूटियों के नाम से भी जाना जाता है।
अश्वगंधा: अश्वगंधा शरीर में ऊर्जा और स्टैमिना बढ़ाने का काम करता है।ये ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के साथ-साथ तनाव का जिम्मेदार हार्मोन कोर्टिसोल के लेवल को भी नियंत्रित करता है। इसके अलावा, ये गर्मियों से मौसम में होने वाली हीट वेव से भी बचाव करता है। इसका इस्तेमाल तमाम बीमारियों के इलाज में किया जाता है।