लाइफ स्टाइल

घातक बन सकती हैं शरीर में सेरोटोनिन की कमी, इन आहार से करें इसकी भरपाई

SANTOSI TANDI
15 Aug 2023 10:03 AM GMT
घातक बन सकती हैं शरीर में सेरोटोनिन की कमी, इन आहार से करें इसकी भरपाई
x
इन आहार से करें इसकी भरपाई
सेहतमंद बने रहने के लिए स्वस्थ आहार को सबसे अच्छा तरीका माना जाता हैं। आहार की मदद से ही आप शरीर में पोषक तत्वों की भरपाई कर सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसे आहार की जानकारी जो शरीर में सेरोटोनिन की कमी को पूरा करेंगे। सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर होता है, एक केमिकल मैसेंजर होता है जिसका हमारे शरीर की कई प्रक्रियाओं में योगदान होता है। इसका संबंध सीधा दिमाग से होता है जो उसे एक्टिव रखता है। इसकी मात्रा कम होने से व्यक्ति तनाव में जाने लगता है। यह मूड, नींद, पाचन, मतली, घाव भरने, हड्डियों के स्वास्थ्य, रक्त के थक्के और यौन इच्छा जैसे शरीर के कार्यों में अहम भूमिका निभाता है। तो आइये जानते हैं इन आहार के बारे में...
-
केला
केले में ट्रिप्टोफैन नामक अमीनो एसिड होता है। शरीर 5-HTP का उत्पादन करने के लिए ट्रिप्टोफैन का इस्तेमाल करता है। यह एक ऐसा यौगिक है, जो मूड ठीक करने वाले और नीद को बढ़ावा देने वाले सेरोटोनिन और मेलाटोनिन को बनाता है।
नट्स और सीड्स
नट्स और सीड्स में ट्रिप्टोफेन नामक एमिनो एसिड पाया जाता है। यह सेरोटोनिन उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। कद्दू के बीज, तिल और सूरजमुखी के बीज, बादाम, काजू, मूंगफली, और अखरोट जैसे नट्स एमिनो एसिड के अच्छे स्रोत माने जाते हैं। कोरोना के समय में इनका सेवन मूड को ठीक रखने में सहायक हो सकता है।
अंडा
2015 में हुई एक रिसर्च के मुताबिक अंडे में मौजूद प्रोटीन आपके ब्लड प्लाज्मा में ट्रिप्टोफैन के लेवल को काफी बढ़ा सकता है, अंडे की जर्दी बेहद अहम है। इसमें ट्रिप्टोफैन में अच्छी खासी मात्रा में होता है। इसके साथ ही इसमें टायरोसिन, कोलीन, बायोटिन, ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। इसके अलावा अंडे में स्वास्थ्य लाभ देने वाले अन्य पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं।
टोफू
सोया उत्पाद ट्रीप्टोफन का एक बेहतरीन स्रोत है। आप टोफू को किसी भी प्रोटीन आहार के साथ मिला सकते हैं या किसी भी रेसिपी के साथ मिला सकते हैं। यह ट्रीप्टोफन का बहुत अच्छा स्रोत है। कुछ टोफू कैल्शियम से समृद्ध होते हैं, जिससे आपके शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ती है।
साल्मन मछली
साल्मन मछली पोषक तत्वों का भंडार है। ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का यह महत्वपूर्ण स्रोत मूड ठीक करने में भी कारगर है। साल्मन में ट्राइप्टोफान पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है। इसके साथ-साथ साल्मन कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करती है और ब्लड प्रेशर को कम करती है। यानी यह फायदों का भंडार है जिसे आपके आहार में जरूर शामिल किया जाना चाहिए।
गाय का दूध
गाय के दूध में ट्रिप्टोफैन होता है जो एक एमिनो एसिड होता है जो सेरोटोनिन का उत्पादन करता है। इससे आपको स्लीपिंग पैटर्न और मूड कंट्रोल करने में मदद मिलती है। यही वजह है कि रात को सोने से पहले एक गिलास दूध पीने की सलाह दी जाती है।
पालक
मूड को ठीक रखने में पालक का सेवन भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। पालक को मैग्नीशियम का बेहतर स्रोत माना जाता है जो सेरोटोनिन को बढ़ाने में मदद करने के साथ मूड को भी ठीक रखता है। जिन लोगों में मैग्नीशियम की कमी होती है, उन्हें डिप्रेशन और घबराहट जैसी दिक्कतें होने का खतरा अधिक होता है। मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ आपको शांत महसूस कराने के अलावा प्रतिरक्षा को बढ़ाने में भी सहायक होते हैं।
चीज़
यह बेहद ही डिलिशियस फूड आइटम है, जिसके बारे में सोचकर ही मुंह में पानी आ जाता है। बर्गर, पिज्जा से लेकर पराठा बनाने के दौरान हम उसमें चीज़ का इस्तेमाल करते हैं। चीज़ में ट्रिप्टोफैन नामक एक एमिनो एसिड पाया जाता है, जो तनाव को कम करने और अच्छी नींद लेने में मदद करता है। आप मैक एंड चीज भी बना सकते हैं जो ट्रिप्टोफैन का अच्छा सोर्स है।
अनानस
अनानास सेरोटोनिन का डायरेक्ट सोर्स है। यह कई स्टडीज में पाया गया है कि अनानास खाने से सेरोटोनिन का लेवल बढ़ता है, लेकिन आपको यह फ्रेश ही खाना चाहिए। जितना ज्यादा पका फल होता है, उतना सेरोटोनिन कम हो जाता है। जबकि कुछ अन्य पौधे, जैसे टमाटर, पकने के साथ ऐसा नहीं है, वो पकने पर सेरोटोनिन में वृद्धि करते हैं।
Next Story