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तंबाकू उत्पादों को कहें न, जानिए तंबाकू-सिगरेट छोड़ने से शरीर पर कैसा होता है असर?

HARRY
1 Jun 2023 4:10 PM GMT
तंबाकू उत्पादों को कहें न, जानिए तंबाकू-सिगरेट छोड़ने से शरीर पर कैसा होता है असर?
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कई बीमारियों के प्रमुख कारणों में से एक है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | तंबाकू उत्पादों को स्वास्थ्य विशेषज्ञ सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक मानते हैं। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि तंबाकू का सेवन करने वालों के स्वास्थ्य पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। वास्तव में, तम्बाकू के कारण होने वाली बीमारियों से वैश्विक स्तर पर हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। भारत में भी यह मृत्यु और कई बीमारियों के प्रमुख कारणों में से एक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक तंबाकू के कारण होने वाली समस्याएं इतनी गंभीर हैं कि भारत अपने सकल घरेलू उत्पाद का 1 फीसदी हिस्सा सिर्फ इन बीमारियों के इलाज में खर्च देता है। कैंसर, फेफड़े की बीमारी, हृदय रोग और स्ट्रोक से लेकर तम्बाकू का उपयोग शरीर को कई प्रकार से प्रभावित कर रहा है।
तंबाकू जनित रोगों के बारे में लोगों को जागरूक करने और बचाव को लेकर शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 31 मई को वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि तंबाकू उत्पाद किस प्रकार से हानिकारक हैं और इससे सेहत को क्या नुकसान हो सकता है?स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, तंबाकू चबाना हो या धूम्रपान के रूप में इसका सेवन करना, दोनों शरीर के लिए काफी हानिकारक हो सकते हैं। तंबाकू चबाने के कारण मुंह के अंदर सफेद या भूरे रंग के धब्बे (ल्यूकोप्लाकिया) पैदा होने लगते हैं जिससे कैंसर का खतरा रहता है। इसके अलावा तंबाकू से मसूड़ों की बीमारी, दांतों की सड़न और ओरल हेल्थ से संबंधित कई गंभीर बीमारियों का जोखिम हो सकता है।
एफडीए की रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में तम्बाकू से संबंधित सभी बीमारियों और मौतों में से अधिकांश के लिए सिगरेट ज़िम्मेदार है। धूम्रपान से निकलने वाले धुएं में 7,000 से अधिक रसायनों का जहरीला मिश्रण होता है जिसमें सांस लेना शरीर के लिए कई प्रकार से नुकसानदायक हो सकता है।
कोविड-19 के दौर में भी कई अध्ययनों ने इस बात पर जोर दिया था कि जो लोग धूम्रपान करते हैं उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है, जिससे ऐसे लोगों में संक्रमण और गंभीर रोग विकसित होने का खतरा अधिक होता है। धूम्रपान, फेफड़ों के कैंसर के प्रमुख कारकों में से एक है।
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