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शोध: सेहतमंद बने रहने के लिए हफ्ते में एक दिन जरुरी एक्सरसाइज से ब्रेक लेना

Gulabi
3 Feb 2021 5:06 AM GMT
शोध: सेहतमंद बने रहने के लिए हफ्ते में एक दिन जरुरी एक्सरसाइज से ब्रेक लेना
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शोधकर्ताओं ने दो हजार लोगों पर अध्ययन के बाद हफ्ते में कम से कम एक दिन एक्सरसाइज से ब्रेक जरूर लेने की सलाह दी है।

वजन घटाना हो या फिर टाइप-2 डायबिटीज और हृदयरोग को दूर रखना हो, विशेषज्ञ खानपान पर ध्यान देने के साथ-साथ व्यायाम के लिए भी समय निकालने की सलाह देते हैं। हालांकि, अमेरिकी फिटनेस फर्म 'एलआईटी मेथड' की मानें तो जिम में रोज-रोज पसीना बहाने से फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो सकता है। शोधकर्ताओं ने दो हजार लोगों पर अध्ययन के बाद हफ्ते में कम से कम एक दिन एक्सरसाइज से ब्रेक जरूर लेने की सलाह दी है।


ऊतकों को मरम्मत का समय मिलेगा
मुख्य शोधकर्ता टेलर नॉरिस के मुताबिक कसरत के दौरान हड्डियों और मांसपेशियों पर काफी दबाव पड़ता है। इससे ऊतकों के टूटने और फंटने का खतरा रहता है। हालांकि, व्यक्ति अगर हफ्ते में एक दिन का ब्रेक ले तो ऊतकों को आराम तो मिलता ही है, साथ ही शरीर भी उनकी मरम्मत के लिए समय निकाल पाता है। नॉरिस ने यह भी बताया कि रोज-रोज तीव्र गति की एक्सरसाइज करने और शरीर को ऊतकों की मरम्मत करने का मौका न देने पर हड्डियों व मांसपेशियों में क्षरण की शिकायत पनप सकती है। इससे व्यक्ति फ्रैक्चर के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।

मांसपेशियों में चोट की आशंका घटेगी
अध्ययन के दौरान देखा गया कि एक्सरसाइज रूटीन में ब्रेक नहीं शामिल करने पर शरीर के बुरी तरह से थक जाने की आशंका भी बनी रहती है। इससे व्यक्ति न सिर्फ मांसपेशियों में खिंचाव और जोड़ों में दर्द की समस्या से जूझने लगता है, बल्कि भावनात्मक स्तर पर सुस्ती भी महसूस करता है। उस स्तर पर पहुंचने पर एक्सरसाइज से लंबे समय तक दूरी बनाने की भी नौबत आ सकती है। नॉरिस ने दावा किया कि बड़े-बड़े खिलाड़ी भी ब्रेक को अपने एक्सराइज और अभ्यास रूटीन का हिस्सा बनाना जरूरी समझते हैं। इससे वे तन-मन से खेल पर ज्यादा ध्यान देने के लिए प्रेरित हो पाते हैं।

दिमाग को भी चाहिए आराम
एक्सरसाइज करते समय शरीर में स्ट्रेस हार्मोन 'कॉर्टिसोल' का स्त्राव बढ़ जाता है। इससे मस्तिष्क को यह संदेश जाता है कि शरीर कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है। वह ग्लूकोज को भावी इस्तेमाल के लिए सहेजने लगता है। नतीजतन फैट और कॉर्बोहाइड्रेट के ऊर्जा में तब्दील होने की गति धीमी पड़ जाती है।

नई ऊर्जा जुटाने में मदद मिलेगी
शोधकर्ताओं की मानें तो एक्सरसाइज से ब्रेक मांसपेशियों का घनत्व बढ़ाने में भी असरदार है। इससे शरीर नई ऊर्जा के साथ कसरत करने के लिए प्रेरित होता है। उन्होंने ब्रेक के दिन अच्छी नींद लेने और पसंदीदा फिल्में देखने की सलाह दी, ताकि 'फील गुड' हार्मोन का स्त्राव हो और मरम्मत की गति में तेजी आए।

कसरत से मन नहीं उचटता
अध्ययन में यह भी देखा गया कि ब्रेक एक्सरसाइज को लेकर बोरियत का भाव नहीं पनपने देता है। अलबत्ता इससे व्यक्ति में कसरत के प्रति ज्यादा दिलचस्पी पैदा होती है। वह महसूस कर पाता है कि एक्सरसाइज से उसके तन-मन में कितने सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं। इसे बरकरार रखना कितना फायदेमंद है।


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