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Navratri 2nd Day 2024: नवरात्रि में देवी ब्रह्मचारिणी की पूरी पूजा की विधि जानिए

Apurva Srivastav
16 Jun 2024 3:18 AM GMT
Navratri 2nd Day 2024: नवरात्रि में देवी ब्रह्मचारिणी की पूरी पूजा की विधि जानिए
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Navratri 2nd Day Maa Brahmacharini : नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्माचरिणी की पूजा का विधान है. मां दुर्गा की नव शक्तियों का दूसरा स्वरूप माता ब्रह्मचारिणी का है. ब्रह्मचारिणी (Navratri 2nd Day 2024) का अर्थ, ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ आचरण से है, यानी ये देवी तप का आचरण करने वाली हैं. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार ये हिमालय की पुत्री थीं तथा नारद के उपदेश के बाद भगवान (Chaitra Navratri 2024) शिव को पति के रूप में पाने के लिए इन्होंने कठोर तप किया. जिस कारण इनका नाम तपश्चारिणी अर्थात्‌ ब्रह्मचारिणी पड़ा. मां का यह रूप काफी शांत और मोहक है. माना जाता है कि जो भक्त मां के इस रूप की पूजा करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. मां का यह स्‍वरूप आपको ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए प्रेरित करता है. तो चलिए जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी भोग रेसिपी और मंत्र.
मां ब्रह्मचारिणी का स्वरुप- What does Brahmacharini symbolize?
मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmcharini) स्वेत वस्त्र पहने दाएं हाथ में अष्टदल की माला और बांए हाथ में कमण्डल लिए हुए सुशोभित है. तप, त्याग और शक्ति की देवी हैं मां ब्रह्माचरिणी.
नवरात्रि के दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है. माता को शक्कर से बनी चीजें काफी प्रिय हैं. आप माता को शक्कर से बनी इस चीज का भोग लगा सकते हैं.
माता ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि- Maa Brahmcharini Pujan Vidhi:
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहनें. इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ करें. देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय सबसे पहले हाथों में एक फूल लेकर उनका ध्यान करें और प्रार्थना करें. इसके बाद देवी को पंचामृत स्नान कराएं, फिर अलग-अलग तरह के फूल,अक्षत, कुमकुम, सिन्दुर, अर्पित करें. देवी को सफेद और सुगंधित फूल चढ़ाएं. इसके अलावा कमल का फूल भी देवी मां को चढ़ाएं.
माता ब्रह्मचारिणी के मंत्रः (Maa Brahmcharini Mantra)
या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू.
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमाः
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