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Lifestyle: पुरुषों को भी होता है मेनोपॉज, जाने इसके लक्षण और बचाव

Admindelhi1
13 Nov 2024 2:15 AM GMT
Lifestyle: पुरुषों को भी होता है मेनोपॉज, जाने इसके लक्षण और बचाव
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पुरुषों भी उम्र बढ़ने के साथ इस तरह के कुछ लक्षणों का अनुभव करते हैं।

हेल्थ न्यूज़: महिलाओं को होने वाले मेनोपॉज के बारे में तो ज्यादातर लोगों को पता होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं एक उम्र के बाद महिलाओं की ही तरह पुरुषों के शरीर में भी मेनोपॉज जैसे बदलाव आने लगते हैं, जिसे एंड्रोपॉज (Andropause) या मेल मेनोपॉज (Male Menopause) के नाम से जाना जाता है। यह स्थिति पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन लेवल की कमी होने की वजह से पैदा होती है। डॉक्टर्स की मानें तो सिर्फ महिलाएं ही उम्र बढ़ने पर हॉर्मोनल बदलाव से होकर नहीं गुजरतीं, बल्कि पुरुषों भी उम्र बढ़ने के साथ इस तरह के कुछ लक्षणों का अनुभव करते हैं।

मेनोपॉज से कैसे अलग है एंड्रोपॉज

आमतौर पर मेनोपॉज महिलाओं के बायोलॉजिकल क्लॉक के अंत के रूप में देखा जाता है। जबकि पुरुषों को होने वाले एंड्रोपॉज के दौरान प्रजजन अंग पूरी तरह खत्म नहीं होते हैं। पुरुषों में इसके बाद भी शुक्राणुओं का निर्माण होता है और महिलाओं से अलग, अभी भी उनमें प्रजनन क्षमता होती है।

एंड्रोपॉज का कारण

पुरुषों में एंड्रोपॉज या मेल मेनोपॉज 45 वर्ष से 55 वर्ष के बीच अधिक देखने को मिलता है। जबकि 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के पुरुष के टेस्टोस्टेरोन लेवल में लगभग 50 प्रतिशत की गिरावट हो सकती है। इसके अलावा, मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज, हार्मोनल विकार, लीवर या किडनी की बीमारी और संक्रमण भी समय से पहले एंड्रोपॉज का कारण बन सकते हैं।

मेल मेनोपॉज के लक्षण

-थकान

-डिप्रेशन

-चिड़चिड़ापन

-सेक्सुअल डिजायर में कमी

-इरेक्टाइल डिसफंक्शन

-मसल मास में कमी

-मोटापा

-बहुत पसीना आना

-ड्राई स्किन

-हॉट फ्लैश

मेल मेनोपॉज से निपटने के उपाय

-संतुलित आहार लेने से हार्मोन्स में होने वाले उतार-चढ़ाव की वजह से पैदा होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में भी मदद मिलती है।

-अपने रूटीन में नियमित व्यायाम शामिल करें, जिसमें स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज को जगह दें। ऐसा करने से मूड बेहतर बना रहेगा।

-मेडिटेशन और योग की मदद से अपने रोजमर्रा के जीवन के तनाव को कम करने का कोशिश कीजिए। ऐसा करने से मेंटल हेल्थ बेहतर बनी रहती है।

-डॉक्टर से बात करके रिहैबिलिटेशन प्लान कर सकते हैं। जिससे एंड्रोपॉज के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।

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