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आज है 'नेशनल बुक लवर्स डे 2022'. प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज है 'नेशनल बुक लवर्स डे 2022'. प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है. दुनिया भर में कई बेहतरीन किताबें लिखी गई हैं, जिसे पढ़कर ना सिर्फ ज्ञान बढ़ता है, अच्छी-अच्छी जानकारियां हासिल होती हैं, बल्कि नए-नए शब्दों का भंडार भी बढ़ता है. अच्छी किताबें पढ़कर आप अपनी लेखनी बेहतर कर सकते हैं. इतना ही नहीं, किताबें पढ़कर आप अपनी मानसिक और शारीरिक सेहत को भी दुरुस्त बनाए रख सकते हैं. आइए जानते हैं, किताबें पढ़ने से मेंटली और फिजिकली क्या-क्या फायदे हो सकते हैं.
किताबें पढ़ने से दिमाग होता है मजबूत. यदि आप हर दिन किताब पढ़ें तो इससे आपका ब्रेन पावर मजबूत होता है. पैरेंट्स को अपने बच्चों के साथ बैठकर थोड़ी देर के लिए ही किताबें पढ़ने चाहिए. घर पर पढ़ने से बाद में स्कूल में बच्चों का प्रदर्शन बेहतर होता है. यह शब्दावली बढ़ाता है. आत्म-सम्मान बढ़ता है. बच्चों का कम्युनिकेशन स्किल्स बेहतर होता है. मानव मस्तिष्क किताबें पढ़ने से मजबूत होता है.
बढ़ती उम्र से संबंधित संज्ञानात्मक गिरावट को रोकने में मदद करती हैं किताबें. एक शोध के अनुसार, यदि किताबें पढ़ें तो बुजुर्गावस्था में अल्जाइमर्स रोग के होने का जोखिम भी कम हो जाता है. वयस्क लोग यदि हर दिन गणित की समस्याओं को पढ़ते और हल करते हैं, तो उनका संज्ञानात्मक कार्य बेहतर बना रहता है.
यदि आप प्रतिदिन किताब पढ़कर सोते हैं, तो आपका स्ट्रेस लेवल भी कम होता है. आपको मानसिक रूप से सुकून का अहसास होता है. एक शोध में यह कहा गया है कि 30 मिनट किताब पढ़ने से रक्तचाप, हृदय गति और साइकोलॉजिकल डिस्ट्रेस की भावनाओं को उतने ही प्रभावी ढंग से कम किया जा सकता है कि जितना कि योग और ह्यूमर के जिरए किया जा सकता है.
किताबें पढ़ने से रात में नींद अच्छी आती है. यदि आप प्रतिदिन रात में सोने से पहले थोड़ी देर किताब पढ़ते हैं, तो नींद अच्छी और जल्दी आती है. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि पढ़ने से रिलैक्स फील होता है. मूड फ्रेश होता है. ऐसे में आपको रीडिंग को अपने स्लीप रूटीन में शामिल करना चाहिए. जब आप प्रत्येक दिन 7-8 घंटे की नींद लेंगे तो कई तरह के मानसिक और शारीरिक रोगों से भी बचाव होगा.
वयस्कों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग किताबें पढ़ते हैं, वे उन लोगों की तुलना में लगभग 2 साल अधिक जीवित रहते हैं, जो या तो बिल्कुल भी किताबें नहीं पढ़ते हैं या पत्रिकाओं और मीडिया के अन्य फॉर्म्स को पढ़ते हैं. अध्ययन में यह भी निष्कर्ष निकाला गया कि जो लोग हर हफ्ते साढ़े तीन से अधिक पढ़ते हैं, उनके 23 प्रतिशत से अधिक समय तक जीवित रहने की संभावना उन लोगों की तुलना में अधिक थी जो बिल्कुल नहीं पढ़ते थे.
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