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चक्रासन योग उन अभ्यासों में से एक है जिसे शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत को फिट बनाए रखने के लिए फायदेमंद माना जाता है। जै
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चक्रासन योग उन अभ्यासों में से एक है जिसे शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत को फिट बनाए रखने के लिए फायदेमंद माना जाता है। जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है-चक्रासन, योग करने में शरीर की स्थिति पहिए के आकार की बनानी होती है। इसे कठिन अभ्यास की श्रेणी में रखा जाता है, जिसके लिए आपको विशेष एकाग्रता और अभ्यास की आवश्यकता होती है। इसे स्वास्थ्य विशेषज्ञ शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत को बेहतर बनाए रखने वाले अभ्यास के तौर पर देखते हैं। नियमित रूप से चक्रासन योग को दिनचर्या में शामिल करने से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं।
कैसे किया जाता है चक्रासन योग?
चक्रासन योग का अभ्यास अपेक्षाकृत कठिन होता है जिसके लिए आपको विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। इसे किसी विशेषज्ञ की सलाह और निगरानी में करना लाभकारी बताया जाता है। इस योग को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल शवासन की स्थिति में लेट जाएं। अब दोनों पैरों के बीच अंतर बनाकर, कोहनियों को मोड़कर हथेलियों को समतल जमीन पर टिकाएं। इस तरह से कमर, पीठ तथा छाती को ऊपर की ओर उठाएं। इस स्थिति में शरीर का आकार एक चक्र की तरह हो जाता है। कुछ समय के लिए इसी अवस्था में रहें और फिर पूर्ववत स्थिति में आ जाएं।
चक्रासन योग करने से क्या होता है?
चक्रासन योग शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत के लिए कई प्रकार से लाभकारी हो सकता है। यह शरीर के लचीलेपन के बढ़ाने, मांसपेशियों-हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने वाला अभ्यास माना जाता है।
मांसपेशियों और मानसिक तनाव, दोनों को कम करने में मदद करता है।
आंखों की रोशनी तेज करने में अहम भूमिका निभाता है।
रीढ़ की हड्डी को मजबूती देता है।
शरीर में रक्त परिसंचरण में सुधार करके रक्त को शुद्ध करने में भी सहायक है।
यह आपको शारीरिक लाभ के साथ-साथ विचार की स्पष्टता और मानसिक शांति जैसे मानसिक लाभ भी देता है।
शरीर की सहनशक्ति और ताकत बनाने में मदद करता है।
चक्रासन का अभ्यास व्यक्ति को ऊर्जावान बनाने के साथ थकावट को कम करने में भी सहायक है।
यह पेट की चर्बी को कम करने और कोर मसल्स को टोन करने में मदद करता है।
चक्रासन योग को लेकर सावधानियां
चक्रासन एक ऐसी योग मुद्रा है जिसे करने के लिए विशेष अभ्यास की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए रीढ़ की हड्डी या पीठ दर्द वाले व्यक्तियों को इस आसन को करने से बचना चाहिए। इसके अलावा चक्रासन योग आपकी कलाइयों पर भी काफी दबाव डाल सकता है, इसलिए अगर आपकी कलाई कमजोर है तो भी इस योगासन को न करें। गर्भवती महिलाओं को इसे न करने की सलाह दी जाती है।
Tara Tandi
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