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जानिए ये 5 कारण, जो अचानक वजन बढ़ने के लिए हैं जिम्मेदार

Tara Tandi
27 July 2022 12:10 PM GMT
जानिए ये 5 कारण, जो अचानक वजन बढ़ने के लिए हैं जिम्मेदार
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उम्र बढ़ने के साथ वजन बढ़ना पूरी तरह से सामान्य है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ आपकी फिजिकल एक्टिविटीज घटने लग जाती हैं। आपका दौड़ना, खेलना-कूदना भी लगभग बंद हो जाता है। स्लो एक्टिविटीज, नेचुरल लॉस ऑफ मसल्स मास, स्लो मेटाबॉलिज्म आदि कई कारण हैं, जिनसे आपका वेट बढ़ जाता है। अगर आपका वजन अचानक बढ़ गया है, तो यह शरीर के लिए सामान्य बात नहीं है। इसके पीछे हार्मोनल असंतुलन, थायरॉयड या अन्य कोई दूसरी वजह भी हो सकती है।

विशेषज्ञ बताते हैं कि मानव शरीर जटिल होता है। समय के साथ इसमें कई दिक्कतें आती हैं। इनमें से एक वजन का अचानक बढ़ जाना भी है। अचानक वजन बढ़ने के क्या कारण हो सकते हैं, इसके लिए हमने बात की सीनियर गाइनेकोलॉजिस्ट एंड ऑब्सटेट्रिक्स डॉ. श्रुति अवस्थी से। उन्होंने अचानक वेट गेन (Causes of sudden weight gain) के कई कारण बताए।
हाइपोथायराॅयडिज्म
डॉ. श्रुति बताती हैं, "जब एक महिला अचानक बढ़े वजन का कारण डॉक्टर से पूछती है, तो डॉक्टर सबसे पहले थायरॉयड की जांच कराने के लिए कहते हैं। यह हम सभी जानते हैं कि हमारी गर्दन में तितली के आकार की ग्लैंड होती है, जो मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने वाले हार्मोन को सीकरेट करने के लिए जिम्मेदार है।
यदि आपका थायरॉयड कम सक्रिय (हाइपोथायरायडिज्म) है, तो मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है। इससे वजन बढ़ सकता है। इसके कारण महिलाएं थकान, एनर्जी लेवल लो होना, ड्राय स्किन, हेयर फॉल या आवाज बदल जाने की समस्या से भी पीड़ित हो सकती हैं। इसलिए सबसे पहले थायरॉयड लेवल की जांच कराएं और उचित दवा लें।'
2.मेनोपॉज
असल में मेनापॉज शुरू होने से पहले की अवधि को पेरिमेनोपॉज कहा जाता है। यह महिलाओं में आम तौर पर 40 वर्ष के बाद शुरू होता है। पेरिमेनोपॉज फेज में कई तरह के परिवर्तन होते हैं। इसके कारण एस्ट्रोजन हार्मोन असमान रूप से बढ़ या घट जाता है। इसके कारण न सिफ वजन बढ़ जाता है, बल्कि हॉट फ्लैशेज, सेक्सुअल डिजायर में कमी, अनियमित पीरियड्स आदि जैसे बदलाव भी शामिल हैं। इसके कारण मसल्स ढीले पड़ सकते हैं और बॉडी फैट बढ़ सकता है।
3 पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम
रिसर्च बताते हैं कि पांच में से एक महिला कभी न कभी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) से जूझती है। यह एक एंडोक्राइन हार्मोनल डिसऑर्डर है, जो रिप्रोडक्टिव हार्मोन एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन के बैलेंस को बिगाड़ देता है।
इससे न सिर्फ पीरियड अनियमित हो जाते हैं, बल्कि शरीर के इंसुलिन के उपयोग करने के तरीके भी प्रभावित हो जाते हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल प्रभावित हो जाता है तथा शरीर के मध्य भाग के आसपास वजन बढ़ने लगता है।
4 स्ट्रेस और एंग्जाइटी
जब आप तनावग्रस्त होते हैं, तो आपका एड्रीनेलिन ग्लैंड प्रभावित होता है। कोर्टिसोल हार्मोन का सीक्रेशन अधिक होने लगता है। इससे बॉडी एनर्जी और फैट दोनों स्टोर होने लगते हैं। हममें से ज्यादातर लोग ऑफिस या घरेलू समस्याओं के कारण तनाव में रहते हैं। जब कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल लंबे समय तक हाई रहता है, तो शरीर में फैट जमा होने लग जाता है। इससे वजन भी बढ़ सकता है।
5 स्मॉल इंटेस्टाइन में बैक्टीरिया की ओवरग्रोथ
डॉ. श्रुति बताती हैं कि आंत अच्छी तरह से काम करे, इसके लिए प्रोबायोटिक्स सहित अच्छे बैक्टीरिया जिम्मेदार होते हैं। लेकिन पाचन तंत्र में खराब बैक्टीरिया भी मौजूद होते हैं। जब अच्छे बैक्टीरिया और बुरे बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ जाता है, तो छोटी आंत में बैक्टीरिया का ओवरग्रोथ हो सकता है।
इससे आपके गट में सूजन, पेट दर्द, दस्त के साथ अतिरिक्त गैस भी पैदा हो सकती है। इसकी वजह से आपका वजन अचानक बढ़ सकता है। इसके अलावा, दवा के अत्यधिक प्रयोग से भी अचानक वजन बढ़ सकता है।
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