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मानसिक स्वास्थ्य पर डार्क चॉकलेट का क्या प्रभाव पड़ता हैं, जानें

Tara Tandi
4 Aug 2022 12:00 PM GMT
मानसिक स्वास्थ्य पर डार्क चॉकलेट का क्या प्रभाव पड़ता हैं, जानें
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तनाव हर किसी के जीवन में किसी चुपके-चुपके दाखिल होता जा रहा है। कभी-कभी तो यह इतना ज्यादा बढ़ जाता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तनाव हर किसी के जीवन में किसी चुपके-चुपके दाखिल होता जा रहा है। कभी-कभी तो यह इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि इससे आपके रिश्ते भी प्रभावित होने लगते हैं। अगर आप भी ऐसा महसूस कर रहीं हैं, तो डार्क चॉकलेट आपकी मदद कर सकती है। जी हां, डार्क चॉकलेट न केवल मूड लिफ्टर है, बल्कि ये तनाव को कम करने में भी मददगार है। इसलिए इस फ्रेंडशिप डे (Friendship day 2022) आइए जानते हैं मानसिक स्वास्थ्य पर डार्क चॉकलेट (Dark chocolate benefits) का प्रभाव।

सभी के जीवन में बढ़ रहा है तनाव
हर साल तनाव का स्तर अधिक से अधिक लोगों को प्रभावित कर रहा है। जब काम की डेडलाइन पास आती है और आपका कैलेंडर बुक होता है, ऐसे में हेल्दी डाइट के लिए समय निकालना किसी टास्क को पूरा करने जैसा ही होता है। लेकिन जब तनाव के स्तर को कम करने की बात आती है, तो केवल आंखें मूंद कर गहरी सांस लेने भर से इससे छुटकारा नहीं पाया जा सकता। ऐसे में कुछ खास फूड्स हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं। डार्क चॉकलेट ऐसा ही एक फूड है, जो आपको तुरंत तनाव से छुटकारा दे सकती है।
क्या है तनाव और सेहत का कनेक्शन
आपकी डाइट आपकी पूरी सेहत पर असर डालती है। यह आपकी मानसिक सेहत को भी उतना ही प्रभावित करती है, जितना कि आपकी शारीरिक सेहत को। इसलिए आपको अपनी डाइट पर ध्यान देना जरूरी है। अगर आप या आपकी दोस्त तनाव से जूझ रहे हैं, तो चिकित्सीय सलाह लेने के साथ-साथ अपनी डाइट में डार्क चॉकलेट को भी शामिल कर सकती हैं। यह तनाव के स्तर को कम करने में मदद कर सकती है।
मूड लिफ्टर भी है चॉकलेट
चॉकलेट काफी रिलैक्सिंग होती है। इसलिए इसे खाने से आपका मूड अच्छा हो सकता है। डार्क चॉकलेट में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये आपके शरीर में तनाव को कम कर सकती है। लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन नुकसान भी पहुंचा सकता है।
क्या कहती है रिसर्च
डार्क चॉकलेट खाने वालों के लिए यह एक अच्छी खबर है। हाल ही में हुए एक शोध में वैज्ञानिकों ने बताया कि कोको, फ्लेवेनॉयड का मुख्य स्रोत है। यह मनुष्य के दिमाग, हृदय और रक्तवाहिनी संबंधी तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित कर सकती है। फ्लेवोनॉयड्स एक प्राकृतिक पोषक तत्व है, जो फलों, सब्जियों और अनाज में पाया जाता है।
इन शोधों में शामिल अमेरिका की लोमा लिंडा यूनवर्सिटी के ली एस बर्क ने चॉकलेट से जुड़े अध्ययन पर बात करते हुए कहा, 'सालों तक हमने यह अध्ययन किया कि डार्क चॉकलेट की शुगर की मात्रा का नर्व्स फंक्शन पर क्या असर डालती है। चीनी खाने से हम ज्यादा खुश होते हैं।
"इस अध्ययन में हमने एक निश्चित आकार के अधिक कोको वाले चॉकलेट बार के प्रभाव का आंकलन किया। लंबे समय और कम समय के लिए इसके प्रभाव के विषय में समझना हमारा उद्देश्य था और हमें काफी सकारात्मक परिणाम मिले।" शोध अध्ययनों में प्रमुख जांचकर्ता के रूप में कार्य करने वाले बर्क ऐसी दो शोध टीमों का हिस्सा रहे हैं। इन अध्ययनों में पाया गया कि कोको की अधिकता यानी डार्क चॉकलेट से मेमोरी, मूड और इम्यूनिटी तीनों पर पॉज़ीटिव असर हुआ।
और भी हैं फायदे
यह बात सामने आयी है कि डार्क चॉकलेट, स्ट्रेस यानी तनाव को कम करती है जबकि मूड, याददाश्त और इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को दुरुस्त करने में मदद कर सकती है। इतना ही नहीं इसका सेवन दिल के रोग, कैंसर आदि जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने में भी मदद करता है।
एक दिन में कितनी चॉकलेट खा सकते हैं?
40 ग्राम वजन वाली डार्क चॉकलेट में 190 कैलोरी होती है। एक्सपर्ट के मुताबिक, एक दिन में 30 से 60 ग्राम से अधिक चॉकलेट नहीं खानी चाहिए, क्योंकि इससे कैलोरी काउंट बढ़ता है। इसलिए अगर आप अपनी दोस्त को इस फ्रेंडशिप डे चॉकलेट गिफ्ट करने वाली हैं, तो बड़ा नहीं बस एक छोटा चॉकलेट बार गिफ्ट करें।
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