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जानिये कैसे करे फेफड़ों की एक्सरसाइज

Apurva Srivastav
16 Jan 2023 6:22 PM GMT
जानिये कैसे करे फेफड़ों की एक्सरसाइज
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कपालभाति प्राणायाम की तरह ही भस्त्रिका प्राणायाम भर फेफड़ों को मजबूत बनाकर उसकी कार्यक्षमता बढ़ाता है।

कपालभाति प्राणायाम की तरह ही भस्त्रिका प्राणायाम भर फेफड़ों को मजबूत बनाकर उसकी कार्यक्षमता बढ़ाता है। हालांकि दोनों ही प्राणायाम को किसी योग शिक्षक की सलाह पर ही करना चाहिए। आओ जानते हैं कि संक्षिप्त में कि भस्त्रिका प्राणायाम कैसे कहते हैं।

भस्त्रिका प्राणायाम (bhastrika pranayama kaise karte hain) :
1. भस्त्रिका का शब्दिक अर्थ है धौंकनी अर्थात एक ऐसा प्राणायाम जिसमें लोहार की धौंकनी की तरह आवाज करते हुए वेगपूर्वक शुद्ध प्राणवायु को अन्दर ले जाते हैं और अशुद्ध वायु को बाहर फेंकते हैं।
2. सिद्धासन या सुखासन में बैठकर कमर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए शरीर और मन को स्थिर रखें। आंखें बंद कर दें।
3. फिर तेज गति से श्वास लें और तेज गति से ही श्वास बाहर निकालें।
4. श्वास लेते समय पेट फूलना चाहिए और श्वास छोड़ते समय पेट पिचकना चाहिए। इससे नाभि स्थल पर दबाव पड़ता है।
5. इस प्राणायाम को अच्छे से सिखकर मात्र 30 सेकंड किया जा सकता है।
सावधानी : भस्त्रिका प्राणायाम करने से पहले नाक बिल्कुल साफ कर लें। भ्रस्त्रिका प्राणायाम प्रात: खुली और साफ हवा में करना चाहिए। क्षमता से ज्यादा इस प्राणायाम को नहीं करना चाहिए। दिन में सिर्फ एक बार ही यह प्राणायाम करें। किसी को कोई रोग हो तो यह प्राणायम योग शिक्षक से पूछकर ही करें।


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