- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- सूर्य नमस्कार करने से...
x
शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाने के लिए आप सूर्य नमस्कार का अभ्यास ज़रूर करें. इसके नियमित अभ्यास से शारीरिक संतुलन सही बना रहता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाने के लिए आप सूर्य नमस्कार का अभ्यास ज़रूर करें. इसके नियमित अभ्यास से शारीरिक संतुलन सही बना रहता है और मन को शांत रखने में मदद मिलती है. इसके अलावा, शरीर के हर अंग को मजबूत बनाने और आंतरिक शांति के लिए भी ये काफी फायदेमंद योगाभ्यास माना जाता है. अगर आप अपनी बॉडी को टोन रखना चाहते हैं और मांसपेशियों व जोड़ों को मजबूत बनाना चाहते हैं तो भी आप इसका नियमित अभ्यास करें. इसके अभ्यास से पहले बॉडी को वॉर्मअप करना ज़रूरी है और इसके लिए आप छोटे-छोटे सूक्ष्मयाम का सहारा ले सकते हैं. आज न्यूज़18 हिंदी के फेसबुक लाइव सेशन में योग प्रशिक्षिका सविता यादव (Savita Yadav) ने सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) का अभ्यास कराया और अभ्यास के दौरान कई गूढ़ जानकारियां भी दीं.
सूर्य नमस्कार करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
-पहले दो चक्र धीमी गति से करें, फिर दो चक्र तेज गति से करें और फिर दो चक्र धीमी गति से करें.
-अगर आप हार्ट पेशेंट हैं तो सूर्य नमस्कार का अभ्यास ना करें.
-कमर में दर्द है तो आप आगे झुकने वाले अभ्यास ना करें.
-हार्निया की समस्या है तो पीछे झुकने वाले आसन ना करें.
-अभ्यास से पहले सूक्ष्मयाम ज़रूर करें.
इस तरह करें सूर्य नमस्कार
प्रणामासन
अपने अपने मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और अपने दोनों हाथों को प्रणाम की मुद्रा में रखें. उगते सूर्य का ध्यान करें.
हस्तउत्तनासन
अब गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को कान से सटाएं और सिर के ऊपर ले जाते हए हाथों को प्रणाम करने की मुद्रा में ही पीछे की तरफ हल्का झुकें.
पादहस्तासन
अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और अपने हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं. इस मुद्रा में आपका सिर घुटनों से मिलना चाहिए. विस्तार से देखने के लिए नीचे दिए गए वीडियो लिंक पर जाएं.
अश्व संचालनासन
अब सांस भरते हुए दाहिने पैर को पीछे की ओर ले जाएं. इस बात का ध्यान रहे कि पैर का घुटना जमीन से छूए. इस दौरान दूसरे पैर को मोड़ें. अपनी हथेलियों को जमीन पर रखें और सिर को ऊपर सामने की ओर देखें.
दंडासन
सांस छोड़ते हुए अपने दोनों हाथों और पैरों को सीधा एक लाइन में रखते हुए पुश-अप करने की अवस्था में आ जाएं.
अष्टांग नमस्कार
गहरी सांस लेते हुए हथेलियों, सीना, घुटनों और पैरों को जमीन से सटाएं. अब इस अवस्था में कुछ देर रहें.
भुजंगासन
सांस छोड़ते हुए अपनी हथेलियों को जमीन पर रखें और नाभी तक शरीर के आगे के हिस्से को उठाएं. पेट से लेकर पैरों की उंगलियों को जमीन से टच हो जबकि गर्दन ऊपर की ओर हो.
पर्वतासन अथवा अधोमुख शवासन
अब अपने पैरों को जमीन पर सीधा रखें और कूल्हे को ऊपर की ओर उठा लें. अपने कंधों को सीधा रखें और चेहरे को अंदर की तरफ रखें. इसके बाद अश्व संचालनासन, पादहस्तासन, हस्तउत्तनासन और प्रणामासन करें. आप इस पूरे अभ्यास को वीडियो लिंक पर देख सकते हैं.
Next Story