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वज़न कम करने में मदद करता है कपालभाती प्राणायाम, जाने और फ़ायदे

SANTOSI TANDI
3 Sep 2023 10:10 AM GMT
वज़न कम करने में मदद करता है कपालभाती प्राणायाम, जाने और फ़ायदे
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जाने और फ़ायदे
योग की हर क्रिया कारगर होती है, लेकिन बात जब कपालभाती प्राणायाम की होती है तो इसे जीवन की संजीवनी कहा जाता है। कपालभाती प्राणायाम को सबसे कारगर माना जाता है। कपालभाति एक ऐसी सांस की प्रक्रिया है जो सिर तथा मस्तिष्क की क्रियाओं को नई जान प्रदान करता है। योग के आसनों में यह सबसे कारगर प्राणायाम माना जाता है। यह आपको वज़न कम करने में मदद करेगा और आपके संपूर्ण शरीर को संतुलित कर देगा। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कपालभाती से होने वाले लाभ और इसे करने कि विधि के बारे में।
कपालभाती से लाभ :
यह क्रिया अस्थमा के रोगियों के लिए एक तरह रामबाण है। इसके नियमित अभ्यास से अस्थमा को बहुत हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
कपालभाती प्राणायाम का सबसे ज्याद प्रभाव पड़ता है शरीर और मन पर, क्योंकि यह मन से नकारात्मक तत्वों को दूर कर सकारात्मकता लाता है।
थायराइड, चर्म रोग, आंखों की समस्या, दांतों की समस्या, महिलाओं की समस्या, डायबिटीज, कैंसर, हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य करना, किडनी को मजबूत बनाने जैसे सभी तरह की समस्याओं को दूर करने की क्षमता होती है।
यह कब्ज की शिकायत को दूर करने के लिए बहुत लाभप्रद योगाभ्यास है।
इसके नियमित अभ्यास करने से कब्ज, गैस, एसिडिटी जैसी पेट से संबंधित समस्या भी दूर हो जाती है।
कपालभाती करने कि विधि :
किसी ध्यान की मुद्रा में बैठें, आँखें बंद करें एवं संपूर्ण शरीर को ढीला छोड़ दें। दोनों नोस्ट्रिल से सांस लें, जिससे पेट फूल जाए और पेट की पेशियों को बल के साथ सिकोड़ते हुए सांस छोड़ दें। अगली बार सांस स्वतः ही खींच ली जाएगी और पेट की पेशियां भी स्वतः ही फैल जाएंगी। सांस खींचने में किसी प्रकार के बल का प्रयोग नहीं होना चाहिए। इस क्रिया को तेजी से कई बार दोहराएं। यह क्रिया करते समय पेट फूलना और सिकुड़ना चाहिए। कपालभाती प्राणायाम करते समय मूल आधार चक्र पर ध्यान केंद्रित करना होता है। इससे मूल आधार चक्र जाग्रत होकर कुंडलिनी शक्ति जागृत होने में मदद मिलती है।
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