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लाइफ स्टाइल
International Yoga Day 2024 : जानिए बुजुर्गो के लिए ये 3 कौन कौन से योगासन हैं फायदेमंद
Apurva Srivastav
21 Jun 2024 5:28 AM GMT
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Yoga day 2024 : सिर्फ बच्चों और युवाओं के लिए योग जरूरी नहीं होता है. बल्कि बुजुर्गों यानी 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को भी योग जरूर करना चाहिए. 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं और पुरुषों, दोनों को अपने जीवनशैली (LIFESTYLE) में योग को जरूर शामिल करना चाहिए. दरअसल, 60 वर्ष की उम्र के बाद तरह-तरह की दिक्कतें व्यक्ति को परेशान करने लगती हैं. इन्ही परेशानियों को देखते हुए हम बात करने जा रहे ऐसे योगासन के बारे में जिसे 60 प्लस उम्र के लोग भी आसानी से कर सकते हैं. तोआइए जानते हैं उनके बारे में.
ताड़ासन
यह आसन शरीर को संतुलन और स्थिरता प्रदान करता है, साथ ही रीढ़ की हड्डी (BACKBONE) को सीधा रखने में मदद करता है. ताड़ासन बेहद आसान है. 60 साल से ज्यादा उम्र वाले भी इसे आसानी से कर सकते हैं.
ताड़ासन की विधि
सबसे पहले जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं. आपने दोनों पैर को आपस में मिलाकर और दोनों हथेलियों को अपने बगल में रखें. फिर पूरे शरीर को स्थिर रखें और दोनों पैरों पर अपने शरीर का वजन सामान रखें. उसके बाद दोनों हथेलियों की अंगुलियों को मिलाकर सिर के ऊपर ले जाएं. हथेलियां सीधी रखें, फिर सांस भरते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर खींचिए. इससे आपके कंधों और छाती में भी खिंचाव आएगा. इसके साथ ही पैरों की एड़ी को भी ऊपर उठाएं और पैरों की अंगुलियों पर शरीर का संतुलन बनाए रखिए. इस स्थिति में कुछ देर रहें. कुछ देर रुकने के बाद सांस छोड़ते हुए हाथों को वापस सिर के ऊपर ले आएं.
बालासन
यह आसन शरीर को आराम देता है और मन को शांत करता है. 60 साल से ज्यादा उम्र वाले बालासन का अभ्यास कर सकते हैं.
बालासन करने की विधी
इसके लिए सबसे पहले किसी स्वच्छ वातावरण में दरी अथवा चटाई बिछा लें. अब सूर्य की ओर मुखकर अपने पैरों को मोड़कर वज्रासन मुद्रा में बैठ जाएं. इसके बाद सांस लेते वक्त अपने दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं. जबकि सांस छोड़ते समय आगे की तरफ झुकें. यह क्रम तब तक जारी रखें. जब तक आपकी हथेलियां (PAMS) ज़मीन को न छू जाएं. इसके बाद अपने सिर को ज़मीन पर टिका दें. इस मुद्रा में आने के बाद शरीर को अनवरत छोड़ दें और आराम महसूस करें. सांस लें और सांस छोड़ें. हालांकि, सांस आराम से लें. इसमें कोई जल्दबाजी न करें. इस मुद्रा में 1 से 3 मिनट तक रह सकते हैं. इसे रोजाना कम से कम 5 बार जरूर करना चाहिए.
शवासन
तनाव कम करने और मानसिक शांति (MENTAL PEACE) प्राप्त करने के लिए यह सबसे प्रभावी आसन है. शवासन भी 60 प्लस उम्र वालों के लिए काफी बेहतर होता है.
शवासन करने की विधि
सबसे पहले आप एक साफ-सुथरी जगह की तलाश करें और वहां अपना मैट खोलकर लेट जाएं.मैट के बिलकुल बीच में आपको लेटना होगा. शवासन के लिए लेटने पर आपको ध्यान रखना होगा कि आपकी पीठ बिलकुल सीधी हो और आपके दोनों कंधे जमीन पर लगे हुए हों. अपने दोनों हाथों और उंगलियों को पूरी तरह से खोलकर उन्हें आराम से बगल में रख लें और ऊपर की ओर अपना चेहरा रखें. अपनी आंखों को बंद कर आराम-आराम से सांस लेने की कोशिश करें, सांस लेते समय आप हर एक सांस (BREATH) को महसूस करने की कोशिश करें. इसके अलावा जब आप सांस अंदर और बाहर करें तो इस दौरान आपकी छाती भी पूरी तरह खुलनी चाहिए. शवासना को करने के दौरान आप खुद को पूरा आराम देने की कोशिश करें.
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Apurva Srivastav
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