लाइफ स्टाइल

'Intermittent Fasting' डायबिटीज और हाई बीपी के खतरे को कम करती है, जानिए

Bhumika Sahu
26 Sep 2021 7:19 AM GMT
Intermittent Fasting डायबिटीज और हाई बीपी के खतरे को कम करती है, जानिए
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Intermittent Fasting: एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग यानी रुक-रुककर उपवास करना पुरानी और गंभीर बीमारियों के रिस्क को कम करने में मददगार है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इंडियन लाइफस्टाइल (Indian Lifestyle) में फास्टिंग यानी व्रत-उपवास का खास महत्व है. इसे आस्था और विश्वास के साथ तो जोड़ा जाता ही है, साथ ही ये स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है. जैसे इससे वजन संतुलित रहता है, डाइजेस्टिव सिस्टम को आराम मिलता है, कोलेस्ट्रॉल कम होता है और मानसिक शांति भी मिलती है, यानि उपवास दिमाग को शांत करने का भी काम करता है. हिंदुस्तान अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार, एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) यानी रुक-रुककर उपवास करना पुरानी और गंभीर बीमारियों के रिस्क को कम करने में मददगार है.

रिसर्च करने वालों के मुताबिक अगर आप अपने लाइफस्टाइल में इसे शामिल करते हैं तो इससे डायबिटीज और हाई बीपी को रोकने में मदद मिल सकती है. इस स्टडी के निष्कर्ष को एंडोक्राइन रिव्यूज जर्नल (Endocrine Reviews Journal) में प्रकाशित किया गया है, जिसे साइंस डेली ने भी छापा है.
समय-प्रतिबंधित भोजन करना (Time-restricted eating) एक प्रकार की इंटरमिटेंट फास्टिंग है, जो आपके भोजन को हर दिन एक निश्चित समय और संख्या में सीमित करता है. कैलिफोर्निया के साल्क इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल स्टडीज (Salk Institute for Biological Studies) के प्रोफेसर सच्चिदानंद पांडा (Satchidananda Panda) ने बताया, 'रुक-रुककर उपवास करने के कई फायदे हैं. जो लोग वजन कम करने और हेल्दी लाइफस्टाल की उम्मीद कर रहे हैं. उन्हें खाने के साथ-साथ वे क्या और कब खाते हैं, इस पर भी ध्यान देना चाहिए. यह तरीका मोटापा घटाने में भी मददगार होता है.'
कैसे होती है इंटरमिटेंट फास्टिंग?
इंटरमिटेंट फास्टिंग या रुक-रुककर उपवास डाइट का ऐसा तरीका है, जिसमें एक निश्चित अंतराल तक उपवास कर खाना खाया जाता है. इसकी अवधि अलग-अलग हो सकती है. इसमें लंबे समय तक भूखे रहकर खाना स्किप करना होता है. किस समय भोजन करना है और किस समय नहीं करना यह तय होता है. कुछ लोग 12 घंटे के उपवास के बाद खाना खाते हैं. कुछ 14 से 18 घंटे तक कुछ नहीं खाते हैं, लेकिन जब खाना खाते हैं तो उसमें कार्बोहाइड्रेट कम और प्रोटीन व फाइबर ज्यादा लेते हैं.


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