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अगर आप अनियमित पीरियड को नियमित करना चाहते हो तो, ये 3 योगासन जरूर करें

Bhumika Sahu
3 Jun 2022 4:12 AM GMT
अगर आप अनियमित पीरियड को नियमित करना चाहते हो तो, ये 3 योगासन जरूर करें
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आज की व्यस्त जीवन शैली के कारण अधिकांश महिलाएं अनियमित पीरियड्स की समस्या का सामना करती हैं,

If you want to regularize irregular periods, then do these 3 yogasanasजनता से रिश्ता वेबडेस्क। इन मासिक धर्म यानी पीरियड्स (periods) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो एक महिला के शरीर में गर्भाशय (Uterus) के माध्यम से ब्लड और ऊतक (tissues) से छुटकारा पाने के लिए होती है। मासिक धर्म चक्र (Menstruation cycle) लगातार दो पीरियड्स के बीच का समय है जो ज्यादातर 28 दिनों का होता है। कई बार यह अवधि 26-32 दिनों के बीच भी हो जाती है। हालांकि, आज की व्यस्त जीवन शैली के कारण अधिकांश महिलाएं अनियमित पीरियड्स की समस्या का सामना करती हैं, जिसका अर्थ है कि तयशुदा तारीख के बाद उनके पीरियड्स में एक सप्ताह से अधिक की देरी हो जाती है।

जबकि बैलेंस डाइट और कसरत (exercise) करने से बिना किसी दवा या गोलियों के पीरियड्स को नियमित किया जा सकता है, फिटनेस ट्रेनर जूही कपूर ने टीम हेल्थशॉट्स से कुछ योग आसन हैं, जो पीरियड्स की अनियमितता (irregularity) की स्थिति को सुधारने में मदद कर सकते हैं।
अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में, उन्होंने उल्लेख किया कि कैसे ये आसन आपकी पेल्विक एरिया को स्ट्रेच करने उसे मजबूत करने और फर्टिलिटी एरिया में ब्लड सर्कुलेशन में में सुधार करने के लिए बेहद उपयोगी हैं।
यहां तीन योग आसन दिए गए हैं जिन्हें आप अपने मासिक धर्म चक्र को नियमित करने के लिए आजमा सकती हैं:
1 उत्कटा कोण (Goddess squat)
यह योग आसन निचले शरीर को मजबूत बनाते हुए उनकी टोनिंग करता है और कूल्हे व छाती के हिस्से को स्ट्रेच करने में मदद करता है। यह महिला स्वास्थ्य के सम्पूर्ण सुधार के लिए यूरो-जेनिटल, ब्रीदिंग और हार्ट को भी एक्टिव करता है।
2 स्कंदासन (Side lunges)
यह हैमस्ट्रिंग और कूल्हों को स्ट्रेच करने के अलावा आपके शरीर के संतुलन और कोर स्ट्रेंथ को बढ़ाता है, जो अक्सर एक गतिहीन जीवन शैली (lazy lifestyle) के कारण होता है। यह आसन पीठ दर्द से राहत दिलाने और साइटिका को रोकने में भी मदद करता है।
3 मलासन (Garland pose)
यह प्रसिद्ध योग मुद्रा न केवल संतुलन और एकाग्रता में सुधार करती है, ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है साथ ही पेल्विक मूवमेंट और ब्लड फ्लो को भी बढ़ाती है। सिर्फ मासिक धर्म वाली महिलाओं के लिए ही नहीं, यह गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद आसन है।
पीसीओएस और एंडोमेट्रियोसिस के इलाज के लिए, पीरियड फ्लो में सुधार, लेग टोनिंग और मजबूती के अलावा पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए इन तीनों योग आसनों का अभ्यास करने की खासतौर पर सलाह दी जाती है । ये पोज़ डिलीवरी के दौरान बर्थ कैनाल ओपनिंग को भी आसान बनाते हैं।
हालांकि, अगर आपको घुटने, टखने और एड़ी में दर्द या गठिया है तो इन आसनों को न करें। साथ ही गर्भावस्था की पहली तिमाही में इन्हें करने से बचें और दूसरी और तीसरी तिमाही में संतुलन बनाए रखने के लिए दीवार या कुर्सी के सहारे का इस्तेमाल करें।


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