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अपनी डाइट में ज़्यादा पोषक तत्वों को शामिल करने में यकीन रखते हैं, तो सावधान हो जाएं

Tara Tandi
2 Nov 2022 6:46 AM GMT
अपनी डाइट में ज़्यादा पोषक तत्वों को शामिल करने में यकीन रखते हैं, तो सावधान हो जाएं
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स्वस्थ डाइट का मतलब है सही पोषण सही मात्रा में खाना। ये अक्सर, यह इस बात से भी जुड़ा होता है कि आप कितना लंबा जीएंगे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। स्वस्थ डाइट का मतलब है सही पोषण सही मात्रा में खाना। ये अक्सर, यह इस बात से भी जुड़ा होता है कि आप कितना लंबा जीएंगे। लंबी उम्र आमतौर पर इस बात पर निर्भर करती है कि आप क्या खाते हैं और कितना खाते हैं। पौष्टिक भोजन आपकी स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ा सकता है, लेकिन अगर आप संतुलित आहार से दूर हो जाते हैं, तो यह आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भारी असर भी डाल सकता है।

पोषण आपके स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, लेकिन इन पोषक तत्वों को ज़रूरत से ज़्यादा खा लेना भी चिंता का सबब बन सकता है। तो अगर आप उन लोगों में से हैं जो अपनी डाइट में ज़्यादा से ज़्यादा पोषक तत्वों को शामिल करने में यकीन रखते हैं, तो सावधान हो जाएं, क्योंकि ज़्यादा सेवन से आपको कई गंभीर बीमारियां घेर सकती हैं।
सोडियम
सोडियम शरीर के लिए जितना ज़रूरी है उतना ही सेहत के लिए हानिकारक भी हो सकता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, ज़्यादा सोडियम के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और स्ट्रोक का ख़तरा बढ़ सकता है।
इसके साथ ही ज़्यादा सोडियम कैल्शियम की कमी कर सकता है, जिससे आपकी हड्डियां कमज़ोर होती हैं। डिब्बा बंद प्रोडक्ट्स में सोडियम की मात्रा कहीं ज़्यादा होती है, जिससे आपकी सेहत पर उम्र बढ़ने के साथ बुरा असर पड़ सकता है।
चीनी
चीनी युक्त खाना यानी मीठा सभी को पसंद होता है। हालांकि, ये न सिर्फ बेहद अनहेल्दी बल्कि सेहत के लिए ख़तरनाक भी होता है। चीनी युक्त ड्रिंक्स में 47 प्रतिशत चीनी होती है, जो ख़तरे की घंटी है।
ज़रूरत से ज़्यादा चीनी के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, डायबिटीज़, क्रोनिक इंफ्लामेशन और फैटी लीवर जैसी बीमारियां हो सकती हैं। इन सभी समस्याओं से दिल की बीमारी और स्ट्रोक होता है।
ट्रांस और सैचुरेटेड फैट्स
ट्रांस फैट सबसे अस्वस्थ किस्म का डाइट्री फैट होता है, जो न सिर्फ ख़राब कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है, बल्कि अच्छे कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है। ज़रूरत से ज़्यादा ट्रांस फैट के सेवन से दिल से जुड़ी बीमारी का जोखिम बढ़ सकता है, जो वयस्कों में होने वाली सबसे घातक बीमारियां में से एक है। इससे टाइप-2 डायबिटीज़ का ख़तरा भी बढ़ता है।
इसी तरह, सैचुरेटेड फैट्स भी अनहेल्दी होते हैं। यह धमनियों में कोलेस्ट्रॉल के निर्माण में मदद करता है, और "खराब" कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है। इससे भी हृदय रोग और स्ट्रोक का ख़तरा बढ़ जाता है।
आयरन
ज़रूरत से ज़्यादा आयरन का सेवन भी शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से ऊतकों और अंगों में आयरन का निर्माण हो सकता है।
सबसे आम डिसऑर्डर जो इससे हो सकता है, वो है वंशानुगत हेमोक्रोमैटोसिस, जिसका अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो गठिया, लिवर से जुड़ी समस्याएं, डायबिटीज़, हार्ट फेलियर और कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।
नाइट्रेट
हालांकि नाइट्रेट एक रासायनिक यौगिक हैं, लेकिन फिर भी इसे पोषक तत्व का प्रकार माना जाता है। नाइट्रेट युक्त खाद्य पदार्थ अक्सर हानिकारक स्वास्थ्य प्रभावों से जुड़े होते हैं जिनमें दिल की धड़कन, मतली, सिरदर्द और पेट में ऐंठन शामिल हैं। इसके अलावा, शोध ने यह भी संकेत दिया है कि उच्च नाइट्रेट युक्त खाद्य पदार्थ खाने से कैंसर का ख़तरा भी बढ़ सकता है।

न्यूज़ क्रेडिट: navyugsandesh

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