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नींद न आने की समस्या से हैं परेशान, तो इस एक्सरसाइज को करे फॉलो

Tulsi Rao
4 July 2021 7:33 AM GMT
नींद न आने की समस्या से हैं परेशान, तो इस एक्सरसाइज को करे फॉलो
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शारीरिक निष्क्रियता और खराब नींद दोनों का संबंध स्वतंत्र रूप से मौत के अधिक खतरे या दिल संबंधी बीमारी और कैंसर से जुड़ा है. लेकिन ये स्पष्ट नहीं है कि उन दोनों का साझा प्रभाव सेहत पर पड़ सकता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नींद की खराबी और शारीरिक निष्क्रियता दिल की बीमारी, स्ट्रोक और कैंसर से मौत का ज्यादा खतरा बढ़ाते हैं. ये खुलासा ब्रिटिशन जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसीन में प्रकाशित एक रिसर्च से हुआ है. रिसर्च के नतीजों को देखकर शोधकर्ता संभावित तालमेल का सुझाव देने के लिए मजबूर हो गए. शारीरिक निष्क्रियता और खराब नींद दोनों एक दूसरे से मौत और या दिल की बीमारी और कैंसर के जोखिम से जुड़े हुए हैं. लेकिन ये स्पष्ट नहीं है कि दोनों का एक साथ सेहत पर साझा प्रभाव पड़ सकता है. इसको समझने के लिए शोधकर्ताओं ने यूके बायोबैंक रिसर्च के औसत 55 वर्षीय 380,055 लोगों का डेटा इकट्ठा किया.

खराब नींद संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों से बचने में व्यायाम मददगार
शारीरिक गतिवधि लेवल को प्रति सप्ताह ऊंचा (1200), मध्यम (600-1199) और निम्न (1-559) में बांटा गया. नींद की गुणवत्ता को भी कई स्तरों में रखा गया. उसके बाद एक दर्जन शारीरिक गतिविधि को स्लीप पैटर्न से प्राप्त सूचना के आधार पर निकाला गया. प्रतिभागियों के स्वास्थ्य की औसत 11 वर्ष यानी मई 2020 तक या मौत तक निगरानी की गई. उसका मकसद किसी अन्य वजह के साथ-साथ दिल की सभी प्रकार की बीमारी, सभी प्रकार के कैंसर और लंग कैंसर से मौत के जोखिम का मूल्यांकन करना था.
निगरानी काल में 15,503 लोगों की मौत हो गई- 4095 दिल की किसी एक बीमारी से पीड़ित थे और 9064 को सभी प्रकार का कैंसर था. उनमें से 1932 लोग कोरोनरी दिल का रोग, 359 लोग हेमरेज, 450 ब्लड क्लॉट और 1595 लोगों की लंग कैंसर से मौत हो गई. 223,445 प्रतिभागी उच्च शारीरिक गतिविधि समूह, 57,771 लोग मध्यम शारीरिक गतिविधि समूह और 39,298 लोग निम्न शारीरिक गतिविधि समूह में शामिल थे. रिसर्च के दौरान पाया गया कि आधे से ज्यादा प्रतिभागियों का स्लीप पैटर्न स्वस्थ था.
उनमें से 3 फीसद की पहचान खराब सोनेवालों में की गई. जो लोग जवान, महिला, दुबले, आर्थिक रूप से संपन्न थे, उन्होंने फल और सब्जियों का ज्यादा इस्तेमाल किया और बैठे-बैठे अपना दिन कम बिताया, उनको मानसिक स्वास्थ्य की समस्था नहीं थी, कभी नहीं स्मोक किया था, पालियों में काम नहीं किया, नहीं के बराबर अल्कोहल का सेवन किया. शोधकर्ताओं ने बताया कि स्लीप स्कोर जितना कम हुआ, उनको किसी कारण, चाहे सभी प्रकार दिल की बीमारी और स्ट्रोक से मौत का खतरा बढ़ गया. दूसरी तरफ, शारीरिक गतिविधि के कम लेवल ने खराब नींद और स्ट्रोक को छोड़कर स्वास्थ्य के सभी नतीजों के बीच प्रतिकूल संबंधों को बढ़ावा दिया.


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