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आप भी पूरी या परांठा की शौकीन तो जानिए सेहत के लिए क्या है फायदेमंद

Rani Sahu
8 July 2021 8:26 AM GMT
आप भी पूरी या परांठा की शौकीन तो जानिए सेहत के लिए क्या है फायदेमंद
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पूरी और परांठे का नाम सुनकर हर भारतीय के मुंह में पानी आ जाता है। खासकर पंजाबियों का यह पसंदीदा व्यंजन है

पूरी और परांठे का नाम सुनकर हर भारतीय के मुंह में पानी आ जाता है। खासकर पंजाबियों का यह पसंदीदा व्यंजन है। कुछ लोग तो सुबह नाश्ते में भी छोले-पूरी या परांठे खाना पसंद करते हैं लेकिन क्या ये आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है। चलिए आपको बताते हैं कि सेहत के लिए इन दोनों में से क्या सबसे ज्यादा अच्छा है।

​परांठे की खासियत
परांठे यानि फ्लैट ब्रेड भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फेमस है। बंगाली व मलयालम भाषा में इसे पोरोटा तो असमिया में पोरोथा कहा जाता है। श्रीलंका मालदीव व मॉरीशस में परांठे को फरोटे और बर्मा में पलटा के नाम से जाना जाता है। भारत में ज्यादातर लोग आलू, गोभी , पनीर, मटर, मेथी और प्याज का परांठा खाना पसंद करते हैं।
​पूरी की खासियत
डीप फ्राई करके बनाई जाने वाली पूरी भारत के अलावा बांग्लादेश, सिंगापुर, नेपाल, बर्मा व मलेशिया में भी फेमस है। तेल में फ्राई होने के बाद भी इसे हल्का भोजन माना जाता है इसलिए कई लोग नाश्ते में भी इसका सेवन करते हैं। भारत में कई जगहों की मेथी पूरी, मिसी पूरी, मटर पूरी बहुत फेमस है।
पूरी या पराठा, ​क्या ज्यादा है ऑयली?
परांठे को तेल या घी लगाकर बनाया जाता है जबकि पूरी डीप फ्राई होती है। बेशक दोनों को गेहूं के आटे से बनाया जाता है लेकिन दोनों की विधि एकदम अलग है। पूरी तुलना में परांठे ज्यादा तेल सोखते हैं क्योंकि इन्हें धीमी आंच पर सेंका जाता है। मगर, कम आंच पर तलने के कारण तेल सिर्फ पूरी की सतह पर तैरता है।
कितनी होती है कितनी कौलोरी?
एक परांठे में करीब 101-120 कैलोरी तक होती हैं, जिसमें से 30 कैलोरी कार्बोहाइड्रेट, 5 प्रोटीन और बाकी वसा से आती है। वहीं, एक पूड़ी में 101 कैलोरी होता है, जिसमें से 30 कार्बोहाइड्रेट, 5 प्रोटीन और 67 कैलोरी वसा से आती है। दोनों में ही फैट व कार्ब्स की मात्रा ज्यादा होती है।
सेहत के लिए क्या है ज्यादा फायदेमंद?
1. पूरी के लिए आमतौर पर तेज तापमान पर तेल या घी गर्म किया जाता है, जिससे निकलने वाला धुआं कार्सिनोजेन्स बना सकता है। मगर, धीमी आंच पर सेंके जाने पर परांठे ज्यादा पौष्टिक होता है।
2. परांठे बनाने के लिए हमेशा नॉन-स्टिक तवे का यूज करना चाहिए क्योंकि इसे 1/2 चम्मच तेल में भी बनाया जा सकता है लेकिन पूरियों में यह विकल्प नहीं मिलेगा। पूरियां को डीप फाई करना पड़ता है, जिसके लिए अधिक तेल चाहिए।
3. परांठों के लिए फ्रेश ऑयल यूज करने से शरीर में ट्रांसफैट बनने की संभावना नहीं होती जबकि पूरी में ऐसा नहीं है। कुछ लोग पूरी के लिए बार-बार एक ही तेल यूज करते हैं, जोकि गलत है।
4. अगर आप नाश्ते में परांठे खाते हैं तो उसके साथ फैट फ्री दही लें।
क्या रेस्तरां या ढाबों की पूरी-परांठे खाना सही?
आमतौर पर रेस्तरां या ढाबों में पूरी या परांठे बनाने के लिए तेल को रियूज किया जाता है, जिससे शरीर में ट्रांसफेट जमा हो सकते है। यह दिल के लिए बिल्कुल फायदेमंद नहीं है जबकि घर की बनी पूरी-परांठा पौष्टिकता से भरपूर है।
अगर आप नियमित पूरी या परांठा खाते है तो उसमें कोई नुकसान नहीं है लेकिन तेल कम मात्रा में यूज करें। साथ ही ऐसा भोजन करने के बाद फैट बर्न करने वाली एक्सरसाइज करना ना भूलें।


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