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बढ़ता तापमान का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव कैसा होता है, जानिए

Tara Tandi
19 July 2022 8:27 AM GMT
बढ़ता तापमान का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव कैसा होता है, जानिए
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तापमान बढ़ने के कारण आप काफी थकान महसूस करते हैं. इस दौरान डिहाइड्रेशन होना भी आम है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तापमान बढ़ने के कारण आप काफी थकान महसूस करते हैं. इस दौरान डिहाइड्रेशन होना भी आम है. जिसके लिए आप ऐसे कई नुस्खे भी आजमाते हैं जिससे आप खुद को ठंडा रख सकें. वहीं बढ़ते तापमान (Temperature) के कारण दिमाग का पारा भी बढ़ जाता है ऐसा हमने केवल कहावत के तौर पर सुना होगा. लेकिन हाल ही में एक रिसर्च से चौंका देने वाला खुलासा किया है. इस रिसर्च के अनुसार बढ़ते तापमान का बुरा प्रभाव हमारे दिमाग (Mental Health) पर भी पड़ता है. इस कारण हम बेचैनी, तनाव, उदासी, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन जैसी चीजें का शिकार हो जाते हैं. आइए जानें इस जानें इस रिसर्च में और क्या कुछ खुलासा किया गया है.

शोध के अनुसार….
बोस्टन यूनिवर्सिटी के शोध के अनुसार हीटवेव लोगों में अग्रेशन का कारण बन रही है. इसका मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है. इससे लोगों के प्रदर्शन और प्रतिक्रिया प्रभावित होता है. बढ़ते तापमान के कारण डिहाइड्रेशन, बेहोशी और डेलिरियम जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. इसके अलावा भी कई और परिणाम सामने आ रहे हैं
जलवायु परिवर्तन के कारण बहुत ही तेजी से दुनिया में तापमान बढ़ रहा है. इससे निपटने के लिए लोगों आर्टिफिशियल चीजों का सहारा ले रहें हैं. लेकिन ये तापमान को कम करने की बजाए उसे बढ़ा रहा है. ऐसे में जरूरी है कि इस पर वैश्विक रूप से चर्चा हो.
एक अन्य अध्ययन के अनुसार के बढ़ते तापमान के कारण लोगों को मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस कारण लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं. बेचैनी और चिड़चिड़ापन कई दिनों तक बना रहता है. इससे लोगों का न केवल अग्रेशन बढ़ता है बल्कि खुदखुशी करने या इसका प्रयास करने वालों की संख्या में भी वृद्धि होती है.
बढ़ती गर्मी में लोगों का दिमाग सही से काम नहीं कर पाता है. ऐसे में बहुत अधिक संभावना ये होती है कि बढ़ते तापमान के कारण वे काफी निराश हो जाएंगे. ये आक्रामकता का कारण बन सकती है. इससे हिंसक अपराध में भी वृद्धि हो सकती है.
एक अनुमान के अनुसार जलवायु परिवर्तन वैश्विक स्तर पर सभी अपराध श्रेणियों में 5 प्रतिशत तक की वृद्धि के लिए जिम्मेदार हो सकता है. इनके बढ़ने के कारणों में मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और जैविक कारकों का एक जटिल संबंध शामिल है. एक सेरोटोनिन नामक मस्तिष्क रसायन है. ये अग्रेशन के लेवल को कंट्रोल करता है. बढ़ते तापमान का इस पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है. ये बढ़ते अपराधों का करण बन सकता है.
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