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लाइफ स्टाइल
कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने से कैसे होता है दिल पर असर? इन फूड्स से होगा कम
SANTOSI TANDI
2 Aug 2023 7:55 AM GMT
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असर? इन फूड्स से होगा कम
सेहतमंद रहने के लिए दिल का हेल्दी होना जरूरी है और हार्ट हेल्थ के लिए कोलेस्ट्रॉल लेवल को मैनेज किया जाना चाहिए। शरीर में जहां गुड कोलेस्ट्रॉल जरूरी है, वहीं, बैड कोलेस्ट्रॉल, दिल पर बुरा असर डालता है। अनहेल्दी लाइफस्टाइल, खान-पान की गलत आदतें वगरैह कोलेस्ट्रॉल लेवल पर असर डालती हैं। डाइट में कुछ बदलाव कर, आप इसे मैनेज कर सकते हैं। कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने से दिल पर क्या असर होता है और किन फूड्स को डाइट में शामिल करने से इसे मैनेज किया जा सकता है। इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी, Aman Puri, Founder, Steadfast Nutrition, India's leading sports nutrition & wellness brand, दे रहे हैं।
कोलेस्ट्रॉल से किस तरह प्रभावित होती है दिल की सेहत?
कोलेस्ट्रॉल एक तरह का लिपिड होता है जो वैक्सी होता है। हमारे शरीर में मौजूद, ज्यादातर कोलेस्ट्रॉल, हमारे लिवर से आते हैं और बाकी हम जो भी डाइट लेते हैं, उससे हमारे शरीर में पहुंचते हैं। हमारे शरीर में कई तरह के फंक्शन्स के लिए कोलेस्ट्रॉल जरूरी होता है। लेकिन जब ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ जाता है, तो उससे स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने से धमनियों की दीवारों के भीतर प्लाक जमता है, धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिसकी वजह से ब्लड फ्लो में रुकावट आती है। यदि प्लाक बनना जारी रहता है, तो यह धमनियों में दबाव बना सकता है, जिससे रक्त का थक्का जम सकता है। प्लाक और रक्त के थक्के, धमनियों को सख्त करते हैं, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
क्या होता है गुड और बैड कोलेस्ट्रॉल?
लिपोप्रोटीन्स प्रोटीन और लिपिड्स(फैट्स) से मिलकर बने होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को ब्लड के जरिए हमारी बॉडी की सी सेल्स में भेजता है। लिपोप्रोटीन्स मुख्य तौर पर दो तरह के होते हैं। एक लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन्स (LDL), जिसे बैड कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है। वहीं, हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन(HDL),जिन्हें गुड कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है। एलडीएल, कोलेस्ट्रॉल को पूरे शरीर में लेकर जाता है। यह धमनियों की दीवारों पर जमा हो जाता है और उन्हें संकीर्ण बनाता है। वहीं, एचडीएल, धमनियों से एक्स्ट्रा कोलेस्ट्रॉल को हटाने में मदद करता है और इसे वापस लिवर को भेजता है। इसलिए, एलडीएल के लेवल को कम रखना और एचडीएल के लेवल को कम रखना जरूरी है।
बैड कोलेस्ट्रॉल को मैनेज करने वाले फूड्स
हेल्दी अनसैचुरेडेट फैट्स, बैड कोलेस्ट्रॉल को बैलेंस करते हैं।
कोलेस्ट्रॉल लेवल को मैनेज करने के लिए अखरोट, बादाम, सूरजमुखी और तरबूज के बीज, चिया और फ्लैक्स सीड्स, फैटी फिश, एवाकाडो और ऑलिव ऑयल को डाइट का हिस्सा बनाना चाहिए।
इसके अलावा, डाइट में फाइबर की मात्रा पर भी ध्यान देना चाहिए।
रोज कम से कम 30 ग्राम फाइबर को डाइट में शामिल करें।
इसके लिए मिलेट्स, दाले, फल,सब्जियां, नट्स (ये होते हैं हेल्दी नट्स) और सीड्स को खाना चाहिए।
फाइबर, ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के अब्जॉर्बशन को कम करता है, जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल सही रहता है।
सुबह लहसुन की 1-2 कली गुनगुने पानी के साथ खाली पेट लें। लहसुन में एलिसिन पाया जाता है जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है।
मौसमी फल और सब्जियों को भी खाएं। इनमें एंटी-ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती हैं जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करती हैं।
बेरीज और खट्टे फल जैसे किवी, संतरा, अनानास और नींबू खाएं।
सही फैट को खाएं और सैचुरेटेड व ट्रांस फैट्स को अवॉइड करें क्योंकि ये खून में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकते हैं।
वजन पर भी ध्यान दें। कोलेस्ट्रॉल लेवल को मेंटेन करने के लिए, एक्सरसाइज जरूर करें।
यह है एक्सपर्ट की राय
अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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