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आस्था और सेहत का संगम हैं व्रत रखना, ये फायदे जान आप भी करने लगेंगे उपवास

SANTOSI TANDI
13 May 2024 9:45 AM GMT
आस्था और सेहत का संगम हैं व्रत रखना, ये फायदे जान आप भी करने लगेंगे उपवास
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हिंदू धर्म में हर दिन किसी ना किसी व्रत-उपवास के लिए जाना जाता हैं। उपवास रखना या फास्टिंग करना सिर्फ पूजा-पाठ, धर्म या संस्कृति से नहीं जुड़ा है बल्कि इसके कई हेल्थ बेनिफिट्स भी हैं और साइंस भी इस बात को मानता है। हांलाकि व्रत-उपवास को लेकर हर किसी की अपनी परिभाषा हैं। कोई व्रत के दौरान फलाहार लेता हैं तो कोई भूखा रहता है। आज इस कड़ी में हम आपको व्रत के फायदों की जानकारी देने जा रहे हैं जिन्हें जान आप भी उपवास करने लगेंगे। इन फायदों को देखकर कहा जा सकता हैं कि नवरात्रि व्रत आस्था और सेहत का संगम हैं। आइये जानते हैं इन फायदों के बारे में...
ब्लड शुगर रहता है नियंत्रित
जिन लोगों को डायबीटीज का खतरा है उनके लिए उपवास रखना फायदेमंद हो सकता है क्योंकि फास्टिंग करने से ब्लड शुगर कंट्रोल बेहतर तरीके से हो पाता है। इतना ही नहीं टाइप 2 डायबीटीज के मरीज अगर थोड़े समय के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग रखें तो उनके ब्लड शुगर लेवल में भी काफी कमी आ जाती है। साथ ही उपवास रखने से इंसुलिन रेजिस्टेंस घटता है और शरीर में इंसुलिन के प्रति सेंसिटिविटी बढ़ती है जिससे खून में मौजूद ग्लूकोज को कोशिकाओं तक पहुंचाना आसान हो जाता है।
शरीर के विषैले तत्व निकलते है बाहर
आजकल की लाइफस्टाइल ने हमारे खानपान को भी प्रभावित किया है। हम में से ज्यादातर लोग अक्सर बाहरी खानपान या चिकनाईयुक्त भोजन दिनभर में खाते हैं, लेकिन उसे पचाने के लिए कोई श्रम नहीं करते। ऐसे में शरीर में फैट और विषैले तत्व जमा हो जाते हैं। इन्हें शरीर से निकालना बहुत जरूरी है। हफ्ते में एक दिन का व्रत आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई करने का काम करता है। शरीर के विषैले तत्व बाहर निकलने से स्किन की भी तमाम समस्याओं से राहत मिलती है।
मोटापा करे कम
उपवास रखने का सबसे बड़ा फायदा है कि आपका बढ़ा हुआ वजन कम होना शुरू हो जाता है। जब आप लगातार उपवास रखते हैं तो इस दौरान आपके कम खाने के नियम के अनुसार शरीर में चर्बी नहीं बनती और मौजूदा चर्बी भी घटने लगती है। ऐसे उपवास में आप किसी भी ठोस उत्पाद की जगह तरल उत्पाद को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल करे कम
पबमेड सेन्ट्रल के अनुसार, अनिरंतर उपवास से वजन कम करने में सहायता मिल सकती है। इससे कोलेस्ट्रॉल का जोखिम भी कम हो सकता है। एक रिसर्च पेपर में कहा गया है कि एक दिन के अंतराल के बाद किए जाने वाले व्रत से कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है। इससे ट्राइग्लरसाइड यानी एक प्रकार का वसा और खराब कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल हो सकता है।
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