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Exercise: व्यायाम से भी कम हो सकता है डिप्रेशन, जानिए कैसे

Renuka Sahu
20 Jan 2025 5:25 AM GMT
Exercise: व्यायाम से भी कम हो सकता है डिप्रेशन, जानिए कैसे
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Exercise: वर्कआउट सिर्फ अतिरिक्त कैलोरी बर्न करने और खुद को शेप में लाने का ही एक तरीका नहीं है, बल्कि यह आपके मूड को बेहतर बनाने और डिप्रेशन से बाहर निकलने का भी एक जरिया है। यह जरूरी नहीं है कि हर दिन इंटेंस वर्कआउट ही किया जाए, केवल कुछ देर शांति दिमाग से योग करना भी आपको फायदा पहुंचा सकता है या फिर आप बस ब्रिस्क वॉक करने की आदत डाल लें, आपको जल्द ही खुद में काफी बदलाव महसूस होने लगेंगे। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि नियमित रूप से एक्सरसाइज करना डिप्रेशन को कम करने में किस तरह मददगार है-
एंडोर्फिन होता है रिलीज
वर्कआउट करने से खुद ब खुद आपका मूड अच्छा होने लगता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि जब आप एक्सरसाइज करते हैं तो उस दौरान आपका मस्तिष्क एंडोर्फिन रिलीज करता है। यह आपके शरीर के लिए नेचुरल मूड बूस्टर की तरह हैं, जो आपको काफी अच्छा महसूस करवा सकते हैं। साल 2004 में द अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में भी पाया गया कि नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी एंडोर्फिन के उत्पादन को बढ़ाती है, जो मूड को बेहतर बना सकती है और डिप्रेशन को कम कर सकती है।
नींद पर पड़ता है पॉजिटिव असर
जो लोग तनाव या डिप्रेशन का सामना कर रहे होते हैं, उनका स्लीप पैटर्न अक्सर गड़बड़ा जाता है। लेकिन अगर आप हर दिन एक्सरसाइज करते हैं तो इससे आपको अच्छी नींद लेने और अधिक तरोताजा महसूस करने में मदद मिल सकती है। जब आप अच्छी स्लीप लेते हैं तो इससे कहीं ना कहीं आपका तनाव काफी हद तक कम होता है। जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल साइकियाट्री में 2003 में छपी एक स्टडी के अनुसार, एक्सरसाइज डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों की स्लीप क्वालिटी बना सकती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि फिजिकल एक्टिविटी करने से उन्हें अधिक गहरी और आरामदायक नींद आती है। इससे डिप्रेशन के लक्षणों से लड़ने में काफी मदद मिलती है।
दिमाग होता है डिस्ट्रैक्ट
जो लोग डिप्रेशन से जूझ रहे होते हैं, उनके दिमाग में अक्सर नेगेटिव ख्याल ही आते हैं। लेकिन जब आप एक्सरसाइज करते हैं तो कुछ पल के लिए आप उन विचारों से खुद को मुक्त करके केवल अपने वर्कआउट पर फोकस कर रहे होते हैं। जिससे आपको कहीं ना कहीं काफी फायदा होता है। बिहेवियर रिसर्च एंड थेरेपी (2016) में पब्लिश हुई एक रिसर्च के अनुसार, एक्सरसाइज एक डिस्ट्रैक्शन की तरह काम करती है, जिसमें व्यक्ति अपने नकारात्मक विचारों की जगह अपनी फिजिकल एक्टिविटी पर अधिक ध्यान देता है। इससे कहीं ना कहीं नेगेटिव थिंकिंग पैटर्न को कम करने में मदद मिलती है।
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