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तांबे के पानी को सुबह की दिनचर्या में जरूर करें शामिल, जानें इसके फायदे
कम से कम आठ घंटे रखे पानी को
आयुर्वेद के अनुसार तांबे के पानी को सुबह की दिनचर्या में जरूर शामिल करना चाहिए. लेकिन यह जरूरी है कि बर्तन में पानी कम से कम 8 घंटे रखा होना चाहिए. पानी के साथ तांबा रासायनिक प्रतिक्रिया करता है और इस तरह इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लामेंटरी प्रॉपर्टीज उत्पन्न होते हैं.
पाचनतंत्र होता है मजबूत
नियमित रूप से तांबे के बर्तन में पानी पीने से शरीर से जहरीले तत्व बाहर निकलते हैं और पेट की सफाई होती है. इसके अलावा आपके वजन को कम करने में भी यह मदद करता है. तांबा आपके पाचनतंत्र को मजबूत करने के साथ ही शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा को कम करने में सहायक होता है.
तांबे के बर्तन में जीवाणुओं का खात्मा
साधारण पानी में डायरिया, पीलिया आदि बीमारी को उत्पन्न करने वाले जीवाणु को नष्ट करने की क्षमता नहीं होती है मगर तांबे के पानी में इन बैक्टीरिया से लड़ने की ताकत होती है. एक अध्ययन के अनुसार 16 घंटे तक तांबे के पात्र में पानी रखने से मौजूद ज्यादातर जीवाणु खत्म हो गए. पानी में विशेष रूप से मौजूद पेचिश के विषाणु और ई-कोलाई के अमीबा पूरी तरह से समाप्त हो गए.
इन बातों का जरूर रखें ख्याल
अक्सर लोग तांबे के बर्तन में पानी पीने के लिए कुछ असावधानियां बरत लेते हैं. तांबे के बर्तन में पानी रखने से पहले इसकी ठीक तरह से सफाई बेहद जरूरी है. सफाई नहीं होने पर इसमें कॉपर ऑक्साइड की परत जमने लगती है. ऐसी स्थिति में तांबे के बर्तन में पानी पीना नुकसानदेह साबित हो सकता है.