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डायबिटीज़ के मरीज़ हैं तो ऐसे खाएं तुलसी, नहीं बढ़ेगा ब्लड शुगर लेवल
तुलसी जिसे अंग्रेज़ी में होली बेसिल भी कहा जाता है, भारत में औषधी के साथ कई तरह से इस्तेमाल की जाती है। तुलसी की पत्तियां, बीज और यहां तक की डंठल का भी इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी की पत्तियां न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाने का काम करती हैं, बल्कि यह खाने के गुणों को भी बढ़ाती हैं। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण कई बीमारियों के इलाज में काम आते हैं।
अमृत से कम नहीं है तुलसी
इसका उपयोग औषधी के रूप में सदियों से होता आ रहा है, लेकिन तुलसी डायबिटीज़ को मैनेज करने के लिए भी जानी जाती है। भारत में डायबिटीज़ एक लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है। यह शरीर में ब्लड शुगर के स्तर के बढ़ने की वजह से होती है। ज़्यादातर हेल्थ एक्सपर्ट्स ब्लड शुगर के स्तर को मैनेज करने के लिए इस औषधी का सपोर्ट करते हैं।
तुलसी की पत्तियों को अपने उपचार गुणों के कारण अमृत माना जाता है। तुलसी के कई फायदों में कुछ सबसे आम बीमारियां को दूर करना, प्रतिरक्षा को मज़बूत करना, बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण से लड़ना शामिल है।
डायबिटीज़ के लिए तुलसी के पत्तों का उपयोग कैसे करें?
तुलसी के गुणों का फायदा उठाने के लिए आप रोज़ाना इसकी पत्तियों को चबा सकते हैं।
आप तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर इसकी चाय या काढ़ा भी तैयार कर सकते हैं। पानी जब उबल जाए, तो इसे 2-3 मिनट के लिए ढक कर रख दें और फिर कप में छान कर निकाल लें। आप इसे रोज़ाना पी सकते हैं।
पानी में तुलसी की पत्तियों को कुछ देर भिगो कर रख दें और रात भर के लिए छोड़ दें। फिर सुबह उठकर सबसे पहले खाली पेट इस पानी को पिएं।
आपकी तुलसी की पत्तियों का उपयोग खाने में भी कर सकते हैं।
डायबिटीज़ के मरीज़ तुलसी का सेवन शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछ लें।