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मोटे अनाज का सेवन हृदय की बीमारियों और डायबिटीज के खतरे को करेगा दूर

Admin Delhi 1
5 Jan 2023 8:32 AM GMT
मोटे अनाज का सेवन हृदय की बीमारियों और डायबिटीज के खतरे को करेगा दूर
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भोपाल न्यूज़: करीब 50 साल बाद मोटे अनाज की फिर से डिमांड बढ़ी है. लोग अपने आप को फिट रखने के लिए डाइट में फिर से मोटे अनाज को शामिल करने लगे हैं. इसे देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है. मोटे अनाज को साबुत या होल ग्रेन भी कहते हैं. जिसमें रागी, बाजरा, ज्वार, जौ, मक्का शामिल हैं. जिसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, मिनरल्स, पोटेशियम, और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा ये ग्लूटेन फ्री होते हैं. जो गट प्रॉब्लम में रिलीफ दिलाते हैं. इसके साथ ही साबुत अनाज के सेवन से ब्लड प्रेशर कंट्रोल तो इंसुलिन के स्तर को संतुलित किया जाता है. साथ ही बेड कोलेस्ट्रॉल को कम कर गुड़ कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है. इसके नियमित सेवन से ह्रदय रोग, स्टॉक, डायबिटीज व वेट लॉस के साथ आंतो के कैंसर को कम किया जा सकता है. नाश्ते से लेकर डिनर तक अगर आप 50 ग्राम मोटे अनाज का सेवन करते हैं तो कई गंभीर बीमारियों के स्तर को कम कर सकते हैं. इसे आप दलिया व खिचड़ी के रूप में सकते हैं.

बीपी, कॉलेस्ट्रॉल व वेट लॉस कंट्रोल करने में सहायक:

डाइटीशियन विनीता मेवाड़ा के अनुसार गेहूं की रोटी खाने से कभी-कभी लोगों को एसिड और इनडाइजेशन की प्रॉब्लम होती है. अगर वे मोटे अनाज का सेवन करते हैं तो डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल व वेट मैनेजमेंट करने में सहायक होता है. अगर आप एक महीने तक मोटे अनाज को अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो एक महीने में ही आपका वेट रिड्यूस होने लगता है, क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा और ये ग्लूटेन फ्री होता है.

गंभीर बीमारियों को करता है कंट्रोल:

न्यूट्रिशनिस्ट नेशा शर्मा ने बताया कि मोटा अनाज डाइबिटीज, बीपी, फैटी लीवर व कोलेस्ट्रॉल से लड़ने में मदद करता है. अगर आपको डायबिटीज हैं और आप मोटे अनाज का सेवन करते हैं तो ये ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखता हैं. साथ ही न्यूट्रिशन प्रोवाइड करता हैं ये साबुत होता है तो इसमें फाइबर काफी मात्रा में पाया जाता है. जिससे डाइजेस्टिव सिस्टम अच्छा रहता है. इसमें कैल्शियन प्रोटीन आयरन प्रचुर मात्रा में पाएं जाते हैं. जो हेल्थ को पूरी तरह फिट रखते हैं.

साबुत या मोटे अनाज क्या हैं:

फसलों से पैदा होने वाले अनाज या बीज को साबुत अनाज कहा जाता है. इसमें चावल, गेहूं, बाजरा, ज्वार, जौ व रागी शामिल होते हैं. अनाज में तीन हिस्से होते हैं. पहचान के लिए जिस अनाज में तीन हिस्से हो उसे अनाज कहते हैं. जिसमें ब्रान या चोकर, जर्म व डंडोस्पर्म शामिल होते हैं. जिसमें विटामिन, मिनरल्स, फाइबर व अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं. यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम कर अन्य गंभीर बीमारियों के स्तर को कम करती हैं.

चना-चना फाइबर से भरपूर होता है. जिससे डाइजेस्टिव सिस्टम फिट रहता है. रात में भिगोए हुए चने को सुबह खा सकते हैं.

रागी- रागी में मिल्क से 6 गुना ज्यादा कैल्शियम पाया जाता है. एक ग्लास दूध की पूर्ति रागी खाकर कर सकते हैं. इसे रोटी में मिलाकर खाया जा सकता है.

बाजरा- बाजरा मैग्नीशियम, पौटेशियम, केल्शियम, फाइबर और आयरन से भरपूर होता है. इसके रोजाना सेवन से हार्ट, वजन, डाइजेस्टिव और डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है. बाजरे की खिचड़ी या दलिया बनाकर खाने में शामिल कर सकते हैं.

ज्वार- ज्वार फाइबर और कैल्शियम युक्त रहता है, लेकिन ये ग्लूटेन फ्री होता है. इसका दलिया या चीला बनाकर खाया जा सकता है.

जौ- जौ में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसे आटे में मिलाकर रोटी बनाकर खाया जा सकता है.

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