लाइफ स्टाइल

बच्‍चे इस मजेदार ट्रिक्‍स से झटपट खा लेगा खाना, ऐसे डालें आदत

Kunti Dhruw
16 Aug 2021 12:39 PM GMT
बच्‍चे इस मजेदार ट्रिक्‍स से झटपट खा लेगा खाना, ऐसे डालें आदत
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कुछ बच्‍चे खाने में बहुत नखरे दिखाते हैं और उनकी ये आदत कोई बीमारी या विकार नहीं है।

कुछ बच्‍चे खाने में बहुत नखरे दिखाते हैं और उनकी ये आदत कोई बीमारी या विकार नहीं है। किसी नई चीज को खाने से मना करना, कोई खास फूड ही खाना और किसी फूड ग्रुप की चीजों को खाने से इनकार कर देना फसी या पिकी ईटर कहलाता है।

बच्‍चों में यह ईटिंग विकार बहुत कॉमन है और लड़के-लड़कियों में यह आदत देखी जाती है। आमतौर पर पिकी ईटर कोई प्रॉब्‍लम नहीं है लेकिन अगर बच्‍चों को इसकी आदत लग जाए तो इससे बच्‍चे की ग्रोथ और डेवलपमेंट प्रभावित हो सकती है। बच्‍चों की ये आदत पेरेंट्स को परेशान कर सकता है।
​बच्‍चों में क्‍यों होती है ऐसी आदत
बच्‍चों की भूख में बदलाव हो सकता है। ज्‍यादातर बदलाव अस्‍थायी होते हैं और कुछ कारणों से बच्‍चा पिकी ईटर बन सकता है।
कुछ बच्‍चे खाने के टेस्‍ट, खुशबू और टेक्‍सचर को लेकर बहुत सेंसिटिव होते हैं। हो सकता है कि बच्‍चे को किसी एक खाने या उसके स्‍वाद, खुशबू और टेक्‍सचर नापसंद हो और उसे किसी फूड का रंग या लुक पसंद न हो।
बचपन में बच्‍चों के अंदर सेंस ऑफ ऑटोनॉमी बढ़ जाती है। इस फेज के दौरान बच्‍चे चुनते हैं कि उन्‍हें क्‍या और कितना खाना है और इस समय बच्‍चे बिना किसी कारण के कोई खास फूड खाने से इनकार कर सकते हैं। धीरे-धीरे ये आदत खत्‍म हो जाती है। अगर पेरेंट्स बच्‍चे पर ध्‍यान दें तो बच्‍चे की इस आदत को कम किया जा सकता है।
​ये टिप्‍स आएंगे काम
आप एक दिन में बच्‍चे को हेल्‍दी ईटिंग हैबिट्स नहीं डाल सकते हैं। इसमें कई दिन या हफ्ते लग जाते हैं और पेरेंट्स को बहुत मेहनत भी करनी पड़ती है। बच्‍चा क्‍यों पिकी ईटर है, इसके आधार पर आपको कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है। इस दौरान आपकाे शांति और धैर्य से काम लेना होगा।
जब बच्‍चा ठोस आहार खाना शुरू करता है, तो उसे तभी से अलग-अलग तरह की चीजें खाने की आदत डालें। उसे अलग-अलग फ्लेवर और टेक्‍सचर वाली चीजें खिलाएं। हो सकता है कि शुरुआत में वो खाने से मना कर दे लेकिन आपको बार-बार कोशिश करते रहना है।
​भूख लगने पर क्‍या खिलाएं
जब बच्‍चे को भूख लगे, तो उसे नए फूड्स खिलाएं। इससे बच्‍चे में जो भी सर्व किया है, उसे खाने की प्रवृत्ति आएगी। जब बच्‍चे के पास कोई और ऑप्‍शन नहीं होगा, तब उसे परोसी गई चीज खानी ही पड़ेगी। लेकिन नए फूड को खाने के लिए बच्‍चे को ज्‍यादा भूख लगी होनी चाहिए।
जब बच्‍चा किसी नए फूड को खाना शुरू कर दे, तो धीरे-धीरे उसकी मात्रा बढ़ाते रहें। शुरुआत में कोई भी नई चीज खिलाने पर उसकी मात्रा कम ही रखें। इससे खाना खराब नहीं होगा। आप भी अपने बच्‍चे के साथ नए फूड को खाएं और उसे बताएं कि वो कितना टेस्‍टी और हेल्‍दी है।
​पूरी फैमिली खाएं
जो नया फूड आप बच्‍चे को खिला रही हैं, पूरा परिवार भी वही खाए। बाकी लोगों के लिए अलग खाना न बनाएं वरना बच्‍चा भी नहीं खाएगा। बच्‍चे से कहें कि पूरी फैमिली को वही फूड खाना है। उस दौरान केई एक चीज बच्‍चे की पसंद की रखें।
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