लाइफ स्टाइल

Starting से ही बदलें आदत, नहीं होगा बच्चे मीठा खाकर बीमार

Bharti Sahu 2
23 Aug 2024 8:32 AM GMT
Starting से ही बदलें आदत, नहीं होगा बच्चे मीठा खाकर बीमार
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पेरेंटिंग Parenting: बच्चा अच्छे नंबर लाया। मुंह मीठा करना तो बनता है। मौसी-मौसा, चाची-चाचा आए तो चॉकलेट ले आए। अरे, बेटा खाना नहीं खाना तो मत खाओ। पर, अपनी मिठाई तो खा लो। हमारी हर बात मीठे से शुरू होती है और मीठे पर खत्म होती है। खासतौर पर जब बात आपके लाडले की हो। लेकिन अकसर दुलार में अपने बच्चे को मीठा खाने का आग्रह करते-करते हम उसे सेहत की खतरनाक राह पर रवाना कर देते हैं और कुछ समय बाद ही अपने बच्चे का मीठे की ओर जरूरत से ज्यादा झुकाव चेहरे पर चिंता की लकीरें खींचने लगता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अतिरिक्त चीनी का सेवन बच्चों में मोटापा बढ़ाता है। दांतों का खराब होना और टाइप-2 डायबिटीज की आशंका में भी इजाफा करता है। ज्यादा शक्कर बच्चों की खुराक से पोषक तत्वों के विकल्पों को दूर कर सकता है। नतीजा, शरीर में पोषक तत्वों की कमी। अध्ययन बताते हैं कम शक्कर खाने वाले बच्चों की
तुलना
में ज्यादा शक्कर खाने वाले बच्चों को हृदय रोग की आशंका ज्यादा होती है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप अपने लाडले को अतिरिक्त शक्कर के फेर से दूर रखें ताकि वह स्वस्थ्य रह सके।
शुरुआत कीजिए खुद से
बच्चे की पहली पाठशाला उसका घर और पहला शिक्षक माता-पिता होते हैं। इस मामले में भी वह अपने घर के लोगों की आदतों को अपनाता है। अगर आप मीठा पसंद करती हैं तो आप बच्चे को भी उसे खाने से नहीं रोक पाएंगी। आप उसे अतिरिक्त मीठा खाने से रोकना चाहती हैं तो खुद की खुराक में
Balanced diet
को शामिल कर उसे इसके महत्व को समझा सकती हैं। आप मीठे को संतुलित आहार के एक हिस्से के तौर पर डाइट से जोड़ सकती हैं। मिठाई, चॉकलेट की जगह फ्लेवर्ड दही, फल आदि को तरजीह दीजिए और अपने बच्चे को समझाने की कोशिश कीजिए कि कैसे अतिरिक्त मीठे के बिना भी स्वाद लिया जा सकता है।
चुनें सेहतमंद विकल्प
मीठे की क्र्रेंवग सिर्फ शक्कर से बनी चीजों से पूरी हो, जरूरी नहीं। अपनी इस चाहत को स्वस्थ विकल्पों की शक्ल दी जा सकती है। कुछ ऐसे विकल्प जो न सिर्फ आपको संतोष दें, बल्कि मीठे की तीव्र चाहत को भी खत्म करें। इस बाबत आहार सलाहकार डॉ. भारती दीक्षित कहती हैं कि शक्कर के विकल्प के तौर पर आप नेचुरल शुगर का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके लिए आप अपनी खुराक में फलों को शामिल करें। भोजन में मिठास जोड़ने के लिए तमाम मीठी चीजों में शक्कर का इस्तेमाल करने की जगह मेपल सिरप, शहद, खजूर सरीखे प्राकृतिक स्वीटनर का प्रयोग किया जा सकता है।
सीमा कीजिए निर्धारित
अच्छा काम किया! लो चॉकलेट खाओ...। नंबर अच्छे आए तो मुंह मीठा करो...। बात-बात में, हर मांग में बच्चों को मीठा देने की आदत को रोकना होगा। बेहतर होगा कि आप शक्कर और मीठा खाने से जुडे़ नियम बना लें। एक दिन में कितना मीठा खाया जा सकता है, इसकी सीमा निर्धारित करें। जैसे आज एक चॉकलेट खा ली है, तो आइसक्रीम नहीं मिलेगी। दिन या समय सीमा भी निर्धारित कर सकती हैं। जैसे मीठा रविवार को ही मिलेगा या फिर हफ्ते में सिर्फ एक दिन खाया जा सकता है। यकीनन यह नियम आपके बच्चे के मन में यह धारणा बनाएगा कि मीठा रोज नहीं बल्कि खास मौकों पर ही खाया जा सकता है।
कीजिए शिक्षित
बच्चों को अलग-अलग तरीके की जानकारी जुटाना और नई चीजों के बारे में जानना अच्छा लगता है। उनकी यह जिज्ञासा आपके काम आ सकती है। आप बच्चे को शरीर की संरचना, उसकी कार्य प्रणाली, उसकी जरूरतों के बारे में बातों-बातों में समझा सकती हैं। इस क्रम में आप अपने बच्चे को खाने की प्र्लांनग से लेकर पकाने तक की गतिविधियों में शामिल कीजिए। ऐसा करना यकीनन उसे पोषण, स्वास्थ्य की आवश्यकताओं और उसके भले-बुरे के बारे में निर्णय लेने की क्षमता देगा। साथ ही उसे इस बात का भी अंदाजा होगा कि सेहतमंद विकल्पों के साथ स्वाद से भरा पौष्टिक भोजन कैसे तैयार किया जा सकता है और यह क्यों फायदेमंद है।
इन आदतों को करें तौबा
हर काम के इनाम के तौर पर चॉकलेट, टॉफी देने की आदत को बदल डालिए। अगर पुरस्कार देना है तो किताबें, स्टेशनरी या उनकी पसंद का कोई छोटा-मोटा तोहफा दिया जा सकता है।
सामान्य चॉकलेट की जगह डार्क चॉकलेट का विकल्प चुनें। बच्चे अचानक से अपनी आदत नहीं बदल पाएंगे। पर, डार्क चॉकलेट उनके शर्करा के सेवन को कम करने में मददगार होगी। उसका थोड़ा-सा कसैला स्वाद चॉकलेट की तरफ बच्चे के रुझान को भी कम करेगा।
दूध के साथ कोई भी पाउडर न मिलाएं। मांएं दूध में फ्लेवर के लिए पाउडर मिलाती हैं और साथ में चीनी भी यानी डबल शक्कर।
डिब्बा बंद जूस से तौबा कर लें। अगर आप कोल्र्ड ंड्रक की जगह यह अपने बच्चे को दे रही हैं, तो तुरंत इस आदत को बदल डालिए। इनमें प्रिजर्वेटिव और खूब सारी शक्कर के सिवा कुछ नहीं होता।
पैकेट वाला खाना बच्चे को न दें। सिर्फ मीठी चीजों में ही शक्कर नहीं होती। ज्यादातर पैकेज्ड फूड में ढेर सारी शक्कर होती है।
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