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मोटापा कम करने के साथ ब्लड शुगर को कंट्रोल रखता है बेरीज़

Subhi
9 Jun 2022 4:27 AM GMT
मोटापा कम करने के साथ ब्लड शुगर को कंट्रोल रखता है बेरीज़
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ब्लू बेरीज़, रास्पबेरीज़, क्रैनबेरीज़ जैसी अलग-अलग तरह की बेरीज़ स्वाद में जितनी लाजवाब होती है सेहत के लिए उतनी ही फायदेमंद। एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर, विटामिन, खनिज जैसे पोषक तत्वों से भरपूर बेरीज़ के सेवन से शरीर के लिए कई जरूरी तत्वों की पूर्ति होती है

ब्लू बेरीज़, रास्पबेरीज़, क्रैनबेरीज़ जैसी अलग-अलग तरह की बेरीज़ स्वाद में जितनी लाजवाब होती है सेहत के लिए उतनी ही फायदेमंद। एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर, विटामिन, खनिज जैसे पोषक तत्वों से भरपूर बेरीज़ के सेवन से शरीर के लिए कई जरूरी तत्वों की पूर्ति होती है जिससे हार्ट से लेकर किडनी, पेट हर एक अंग सही तरीके से फंक्शन कर पाते हैं। बेरीज़ में घुलनशील फ़ाइबर होता है, जिससे भोजन पचाने की क्रिया थोड़ी धीमी हो जाती है। इसी वजह से पेट लंबे समय तक भरा-भरा सा महसूस होता है, जल्दी भूख नहीं लगती जिससे मोटापा कंट्रोल में रहता है। आइए जानते हैं अलग-अलग बेरीज़ से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में...

1. रास्पबेरीज़

ऐंटी-ऑक्सिडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी फाइटोन्यूट्रिएंट्स और फाइबर की मात्रा लिए हुए रास्पबेरीज़ का सेवन कई मायनों में फायदेमंद है। रिसर्च के मुताबिक, इस रसीले फल के सेवन से टाइप-2 डायबिटीज़ और मोटापा की समस्या को आसानी से कम किया जा सकता है। और ब्लैक रास्पबेरीज़ के सेवन से तो ब्लड प्रेशर और कॉलेस्टेरॉल के लेवल को कंट्रोल में रखा जा सकता है जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।

2. क्रैनबैरी

क्रैनबेरी में भी एंटी इंफ़्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट की अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है। जिसके नियमित सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसके अलावा यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और पाचन संबंधी दिक्कतें परेशान नहीं करती। कैंसर, अल्सर और सेल्स डैमेज की वजह से होने वाली बीमारियों के खतरे को भी क्रैनबेरीज़ की मदद से दूर रखा जा सकता है।

3. ब्लू बेरीज़

ब्लूबेरीज़ में पोटैशियम, फ़ॉलेट, फ़ाइबर और विटामिन सी की मात्रा मौजूद होती है जो बॉडी के कई सारे फंक्शन को दुरुस्त रखने के लिए जरूरी है। ब्लूबेरीज़ खाने से मेमोरी लॉस की दिक्कत नहीं होती क्योंकि इसमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ़्लेमेटरी तत्व पाए जाते हैं। ब्लूबेरीज़ इंसुलिन सेंसिविटी में सुधार करते हैं जिससे टाइप 2 डायबिटीज़ की संभावनाएं काफी हद तक कम हो जाती हैं।


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