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हम में से ज़्यादातर लोग सोते समय तकिए इस्तेमाल करते हैं. यह जानते हुए कि गर्दन के तकिया लगाकर सोना, सोने की सही पोज़िशन नहीं होती. तकिया लगाकर गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सही तरह से आराम नहीं मिलता है.
जनता से रिश्ता। हम में से ज़्यादातर लोग सोते समय तकिए इस्तेमाल करते हैं. यह जानते हुए कि गर्दन के तकिया लगाकर सोना, सोने की सही पोज़िशन नहीं होती. तकिया लगाकर गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सही तरह से आराम नहीं मिलता है. कई बार तो गर्दन में अकड़न आ जाती है, इसलिए तो बिना तकिए के सोना अधिक फायदेमंद माना जाता है, एक्सपर्ट्स का भी यही मानना है. आइए एक नज़र डालते हैं बिना तकिए के सोने से होने वाले फायदों पर-
कमर दर्द में आराम
हम में से बहुत-से लोग सोते समय सिर के नीचे तकिया लगाकर सोते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं मालुम की तकिया लगाकर सोने से कमर को नेचुरल कर्व नहीं पाता और नींद भी सही ढंग से नहीं आती है. सिर के नीचे बड़े-बड़े तकिए या एक से ज़्यादा तकिया रखकर सोना, सोने की सही पोज़ीशन नहीं होती. तकिया लगाकर सोने से रीढ़ की प्राकृतिक स्थिति बदल जाती है, जिसकी वजह से कमर में दर्द होता है. जब हम बिना तकिए के सोते हैं, तो हमारी गर्दन और रीढ़ की हड्डी सही दिशा में रहती है, जिसके कारण कमर दर्द नहीं होता.
2. मुहांसों से मुक्ति
मुंहासे होने का एक कारण चेहरे पर जमा धुलमिट्टी और ऑयल का इकट्ठा होना है, जिसकी वजह से पोर्स बंद हो जाते हैं और जलन होने के कारण स्किन पर सूजन और रेडनेस ही नहीं, बल्कि इंफेक्शन भी हो जाता है. रात के समय जब आप तकिया लगाकर सोते हैं, तो रोज़ कम-से-कम 7-8 घंटे तक चेहरा पिलो के संपर्क में रहता है और तकिए पर जमा धुलमिट्टी चेहरे पर चिपक जाती है, जिससे चेहरे पर मुहांसे हो सकते हैं. अगर आप तकिए कवर को हर तीन-चार दिन में नहीं धोते हैं, तो तकिया मुंह की लार, पसीना और धूल-मिट्टी के कारण बैक्टीरिया के पनपने की जगह बन जाती है और सोते समय तकिया लगाकर सोने से चेहरे पर मुंहासे हो सकते हैं.
3. सिरदर्द से छुटकारा
कई बार आपने यह महसूस किया होगा कि जब आप अगली सुबह उठते हैं, तो आपके सिर में हल्का-हल्का दर्द रहता है. इसका कारण आपका तकिया हो सकता है. तकिया लगाकर सोने से सिर में रक्त का संचार कम होता है और ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं होती, जिसके कारण अगली सुबह उठने पर सिर हल्का-हल्का दर्द महसूस होता है. बिना पिलो के सोने से सिर में रक्त का संचार सही तरह से होता है , इसलिए सिरदर्द नहीं होता है.
4. पीठ और गर्दन में दर्द नहीं होता
बिना तकिए के जब आप पेट के बल सोते तो इस तरह सोने से पीठ और गर्दन में दर्द नहीं होता है. पर जब पेट के बल सोते समय तकिया लगाकर सोते हैं, तो इससे गर्दन में दर्द होता है. इस स्थिति में गर्दन को पूरा स्पोर्ट नहीं मिल पाता है और सिर, गर्दन और तकिए के बीच में जो कोण बनता है, उससे सही तरह से नींद नहीं आती है. यह सोने की सही पोजीशन नहीं होती और परिणामस्वरुप गर्दन में अकड़न या दर्द होता है.
5. आरामदायक नींद
एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब व्यक्ति 8-10 घंटे की अच्छी नींद लेता है, तो वह मेंटली फ्रेश रहता है और और उसे थकान महसूस नहीं होती है. लेकिन जरुरी नहीं कि तकिया लगाकर सोने से अच्छी नींद आए, बिना पिलो के भी आरामदायक नींद आती है, थकान दूर होती है और हमेशा फ्रेश फील करते हैं.
6. सही पोस्चर
सभी लोगों के सोने का तरीक़ा अलग-अलग होता है और तरीक़ा अलग होने के कारण उनका पोस्चर भी अलग-अलग होता है. जब आप गर्दन के नीचे मोटा तकिया लगाकर करवट लेकर सोते हैं, तो उससे गर्दन का पोस्चर बिगड़ जाता है. धीरे-धीरे गर्दन का पोस्चर स्थायी हो जाता है और सोने का पोस्चर बिगड़ जाता है, जबकि इस स्थिति में एक्सपर्ट्स का मानना है कि बिना तकिए के सोने से गर्दन और रीढ़ की हड्डी का पोस्चर सही रहता है.
7. अवसाद और तनाव रहित
अच्छी क्वालिटी का तकिया इस्तेमाल न करने पर नींद में खलल पड़ता है और अगले दिन आप अधिक चिड़चिड़ापन और तनावग्रस्त महसूस करते हैं. अच्छी और पर्याप्त नींद न लेने के कारण मूड खराब रहता है और दिनभर डिप्रेस महसूस करते हैं. लेकिन बिना पिलो के आप ज़्यादा आरामदायक तरीके से सो सकते हैं. ऐसा करने से नींद अच्छी आएगी और आप तनाव, अवसाद व चिड़चिड़ापन महसूस नहीं करेंगे.
8. रचनात्मकता और याददाश्त में इज़ाफ़ा
विशेषज्ञों के अनुसार,अच्छी नींद लेने से क्रिएटिविटी और मैमोरी में सुधार होता है. हमारा मस्तिष्क रात के समय को यूटीलाइज़्ड कर रहा होता है, जिन सूचनाओं को हमारा दिमाग दिनभर स्टोर करता है. इसलिए आप जितनी अधिक देर तक सोते हैं, तो इसका असर याददाश्त पर भी पड़ता है. लेकिन जब आप बिना के सोते हैं, तो शरीर आरामदायक अवस्था में होता है और अच्छी नींद आती है.
9. डैमेज सेल्स की हील और रिपेयर में मदद
जब हम रात को सोते हैं, तो हमारा शरीर डैमेज सेल्स को हील और रिपेयर करता है. लेकिन यह तभी संभव है, जब हमें अच्छी नींद आएगी. नींद में खलल पड़ने के कारण हील और रिपेयर प्रोसेस में रुकावट आती है. लेकिन बिना तकिए के सोने पर नींद की क्वालिटी में सुधार होता है और बॉडी के हील और रिपेयर प्रोसेस में सुधार होता है.
10. एलर्जी से राहत
कुछ लोगों को डस्ट से एलर्जी होती है ऐसे लोगों के लिए एलर्जी का एक कारण तकिया भी हो सकता हैं. तकिए में ज़मी धूल मिट्टी और बैक्टीरिया सांस के जरिए शरीर के अंदर चले जाते हैं, जिससे एलर्जी होने की संभावना बढ़ जाती है. बिना तकिए के सोने से एलर्जी से काफी हद तक बचा जा सकता है.
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