लाइफ स्टाइल

नाभि खिसकने की समस्या दूर करने वाले आसन

Tara Tandi
8 Oct 2021 4:25 AM GMT
नाभि खिसकने की समस्या दूर करने वाले आसन
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सबसे पहले तो नाभि खिसकने की समस्या को किसी बीमारी के तौर पर न लें।

सबसे पहले तो नाभि खिसकने की समस्या को किसी बीमारी के तौर पर न लें। ये समस्या स्वस्थ मनुष्य को भी हो सकती है। या यों कहें कि अधिकतर लोगों को होती है बस पता नहीं चलता। इसकी वजह से पेट में दर्द बना होता है। समझ में ही नहीं आता कि ये दर्द किस वजह से हो रहा है। दवा लेने के बाद भी यह दर्द खत्म नहीं होता। बहुत ज्यादा दर्द रहें तो डॉक्टर से बात करें और जरूरी जांचें करवा लें। लेकिन साथ ही साथ कुछ खास आसनों को भी अपने रूटीन में शामिल करें। तो काफी हद तक इस समस्या को दूर कर सकते हैं।

नाभि आंतों का सेंट्रल प्वाइंट होता है और थोड़ा सा झटका लगते ही वो इधर-उधर हो जाती है।

नाभि खिसकने के लक्षण

- पेट में हर वक्त दर्द रहना

- दुबलापन

- पेट गुब्बारे की तरह फूले रहना

- पैरों में दर्द महसूस होना

- खाना खाते ही पेट दर्द शुरू होना

नाभि खिसकने की समस्या दूर करने वाले आसन

उतानपादासन

दोनों पैरों को एक साथ मिलाएं और धीरे-धीरे ऊपर उठाने की कोशिश करें।

बहुत ज्यादा पैर नहीं उठाना है बस 30 डिग्री तक उठाएं। फिर सांस छोड़ते हुए वापस आ जाएं

ऐसा तीन बार करें।

इसके बाद पैरों को 60 डिग्री तक उठाना है।

इसे भी तीन बार करें।

अर्ध हलासन

इसमें पैरों को पूरा ऊपर की ओर ले जाएं। आपके पैर के पंजे आंखों की सीध में होने चाहिए।

अब पंजों को पहले ऊपर फिर नीचे की ओर मोड़ें।

इसमें पैर की पिंडलियों में हल्का दर्द महसूस होना चाहिए।

3-5 बार करके वापस पैरों को नीचे मैट पर टिका लें।

अर्ध पवनमुक्तासन

बाएं पैर को मोड़ते हुए सीने की तरफ ले आएं और दोनों हाथों से इसे पकड़ें।

फिर दाएं पैर से यही क्रिया दोहरानी है।

ऐसा आपको कम से कम 3 या 5 बार करना है।

मरकटआसन

पीठ के बल लेट जाएं। घुटनों को मोड़ लें।

अब दोनों पैरों को एक साथ दाईं ओर ले जाते हुए मैट के जितना करीब ले जा सकते हैं ले जाएं। इस स्थिति में सिर को पूरा बाईं ओर मोड़ेंगे। यही प्रोसेस दूसरी तरफ भी करना है।

सेतुबंधासन

इसमें पैरों को मोड़ लें।

हाथों से टखने को पकड़ लें।

अब धीरे-धीरे पूरी बॉडी को ऊपर की ओर उठाएं। जितनी देर इस स्थिति में रूक सकते हैं, रूकें फिर आराम से वापस आ जाएं।

सुप्त व्रजासन

व्रजासन में बैठ जाएं।

पैरों को खोलें और कूल्हे को मैट पर रखें।

अब धीरे-धीरे हाथों को पीछे ले जाते हुए कोहनी को जमीन पर रखते हुए 5-10 सेकेंड होल्ड करें।

अब कंधे ओर सिर को जमीन पर टिका दें।

जितनी देर होल्ड कर सकते हैं उतनी देर करें फिर पैरों को सीधा कर लें।

सावधानियां

लेटकर कभी भी सीधा नहीं उठना चाहिए हमेशा करवट लेकर ही उठें।

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