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New Delhi: वक्फ बोर्ड को किसी भी जमीन को अपना बताने की आदत: विहिप
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने राजधानी दिल्ली में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति को लेकर सांप्रदायिक राजनीति करने पर शाही ईदगाह कमेटी को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक हैं और सांप्रदायिक राजनीति के लिए इतिहास को बांटने की कोशिश न करें। इसे लेकर विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने शुक्रवार को प्रतिक्रिया दी।
विनोद बंसल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि यह जमीन दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के नाम पर है। प्राधिकरण का काम विकास करना है और इसमें बाधा डालने वाला वक्फ बोर्ड कौन है? रानी लक्ष्मीबाई रोड पर ट्रैफिक जाम से बचने के लिए डीडीए और प्राधिकरण की वहां फ्लाईओवर बनाने की योजना थी, जिसके लिए वहां से मूर्ति को हटाया गया।
उन्होंने कहा कि अब वक्फ बोर्ड कहीं भी जाकर दावा करता है कि जमीन उसकी है। क्या मस्जिद बनाने से उसके आसपास की पूरी जमीन उनकी हो जाएगी? यह कैसे संभव है? दो दिन पहले हाईकोर्ट ने इन लोगों को फटकार लगाई थी, इसके बावजूद इन्हें शर्म नहीं आई। यह आश्चर्यजनक है। ये "जिहादी हथकंडे" बहुत अजीब हैं। ये लोग विकास में बाधा डालना चाहते हैं।
विहिप प्रवक्ता ने कहा कि वे न्याय के मार्ग में बाधा उत्पन्न करना चाहते हैं। जब आपको न्याय पर भरोसा नहीं था तो आप हाईकोर्ट क्यों गए? सिंगल बेंच के बाद डबल बेंच, फिर आपकी पेशी, फिर उसके बाद झंडा लेकर खड़े होना। यह कैसा मजाक है। ऐसी "जिहादी व्यवस्था" अब देश की राजधानी में राज नहीं कर सकती। इस घटना ने वक्फ संशोधन विधेयक के औचित्य को और मजबूत कर दिया है। इसकी वास्तव में जरूरत क्यों है? जिस तरह से उन्होंने अपनी असीमित शक्तियों का इस्तेमाल कर अतिक्रमण किया, यह मुगलों की सोच थी कि वे भारत माता की पवित्र भूमि पर बलपूर्वक कब्जा करें।
उन्होंने कहा कि ये लोग अंग्रेजों की सोच को आजाद भारत में भी लागू करना चाहते हैं। इनका यह एजेंडा कभी पूरा नहीं हो सकता। ये विकास में बाधा बनेंगे। अब ये नहीं चलेगा। रानी लक्ष्मीबाई एक वीर महिला थीं जिनकी वजह से हमारा देश आजाद हुआ, कम से कम उनका सम्मान तो करो। हम सीधे शब्दों में कहना चाहते हैं कि आपको अपनी इस विभाजनकारी मानसिकता से बाहर आना चाहिए। प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि अब आपको गुलामी के कलंक से भी बाहर निकलना होगा। इन्हें आत्मचिंतन करना चाहिए। कम से कम ये लोग स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करना भी तो सीखें।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार के अधीन लोक निर्माण विभाग ने 2016-17 में एक परियोजना शुरू की थी, जिसमें भारी ट्रैफिक जाम को देखते हुए तीस हजारी से फिल्मिस्तान होते हुए पंचकुइयां रोड तक सिग्नल फ्री रोड बनाने की योजना शामिल थी। इसके तहत रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा को देशबंधु गुप्ता रोड पर शिफ्ट किया जाना था।