व्यापार
रिकॉर्ड ऊंचाई पर बाजार, लेकिन शेयर शिखर से 80% दूर, सेंसेक्स 60 हजार के स्तर को भी कर सकता है पार
Renuka Sahu
13 Sep 2021 2:04 AM GMT
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फाइल फोटो
कोरोना महामारी के बाद से शेयर बाजार नित नई ऊंचाई को छू रहा है। सेंसेक्स 58305 अंक और निफ्टी17369 अंक के अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना महामारी के बाद से शेयर बाजार नित नई ऊंचाई को छू रहा है। सेंसेक्स 58305 अंक और निफ्टी17369 अंक के अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है। आने वाले दिनों में सेंसेक्स 60 हजार के स्तर को भी पार कर सकता है। इसके बावजूद बीएसई पर सूचीबद्ध पांच में से केवल एक कंपनी के शेयर लाइफटाइम हाई पर पहुंचा है। यानी 80 फीसदी शेयर अभी भी अपने शिखर से दूर हैं। वहीं, 82 फीसदी शेयर अभी अपने उच्चतम स्तर से 10 फीसदी नीचे हैं। वहीं, सूचीबद्ध कंपनियों के 35 फीसदी शेयर अपने उच्चतम स्तर से 50 फीसदी नीचे हैं।
बड़ी कंपनियों ने बढ़ा निवेशकों का रुझान
कोरोना संकट के बाद बड़ी कंपनियों के शेयरो में निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ा है। इसके चतले मिड कैप और स्मॉल कैप के मुकाबले लार्ज कंपनियों का बाजार पूंजीकरण तेजी से बढ़ा है। रिपोर्ट के अनुसार, लार्ज कैप में शामिल 68 फीसदी कंपनियों के शेयर लाइफटाइम हाई पर पहुंच गए हैं। वहीं, इसके मुकाबले मिड कैप के 48 फीसदी और स्मॉल कैप के सिर्फ 12 फीसदी शेयर ही अपने लाइफटाइम हाई पर पहुंच पाए हैं।
शीर्ष पांच कंपनियों का पूंजीकरण 62,508 करोड़ बढ़ा
सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से पांच कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 62,508.32 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। सबसे अधिक लाभ में रिलायंस इंडस्ट्रीज रही। समीक्षाधीन सप्ताह में हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचडीएफसी, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और भारती एयरटेल के बाजार पूंजीकरण में बढ़ोतरी हुई। वहीं टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, आईसीआईसीआई बैंक तथा बजाज फाइनेंस के बाजार मूल्यांकन में गिरावट आई। रिलायंस का पूंजीकरण 23,582.73 करोड़ बढ़कर 15,37,600.23 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस, एसबीआई तथा भारती एयरटेल का स्थान रहा।
कैसी होगी बाजार की चाल
शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह मुद्रास्फीति के आंकड़ों तथा वैश्विक रुख से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, वैश्विक संकेतक हमारे बाजार के व्यवहार को प्रभावित करते रहेंगे। इस सप्ताह चीन के औद्योगिक उत्पादन तथा अमेरिका की मुद्रास्फीति जैसे कुछ वृहद आर्थिक आंकड़े आने हैं।
घरेलू मोर्चे पर 14 सितंबर को अगस्त माह की थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े आने हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि डेल्टा वैरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं। इसके चलते आर्थिक सुस्ती की आशंका बन रही है। ऐसे में निवेशकों की निगाह वैश्विक संकेतकों पर रहेगी। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन भी संतोषजनक स्तर को पार कर चुका है। ऐसे में बाजार में उतार-चढ़ाव तथा मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है। हालांकि, बाजार की कुल धारणा सकारात्मक है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, इस सप्ताह बाजार की दृष्टि से मुद्रास्फीति का आंकड़ा महत्वपूर्ण होगा।
विदेशी निवेशकों ने 7,605 करोड़ रुपये डाले
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सितंबर में अबतक भारतीय बाजारों में 7,605 करोड़ रुपये डाले हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से नौ सितंबर के दौरान एफपीआई ने शेयरों में 4,385 करोड़ रुपये और ऋण या बांड बाजार में 3,220 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस तरह उनका शुद्ध निवेश 7,605 करोड़ रुपये रहा है। इससे पहले अगस्त में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 16,459 करोड़ रुपये डाले थे। इसमें से रिकॉर्ड 14,376.2 करोड़ रुपये का निवेश बांड बाजार में हुआ था।
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