भारतीय पर्यटकों के बीच राम पथ गमन को प्रचारित करेगा श्रीलंका, आर्थिक संकट से निकलने में मिलेगी मदद
श्रीलंका के नवनियुक्त पर्यटन दूत और मशहूर क्रिकेटर सनथ जयसूर्या ने मंगलवार को कहा कि उनका देश भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए रामायण ट्रेल को प्रोत्साहित करेगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। श्रीलंका के नवनियुक्त पर्यटन दूत और मशहूर क्रिकेटर सनथ जयसूर्या ने मंगलवार को कहा कि उनका देश भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए रामायण ट्रेल (राम पथ गमन) को प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा, इससे आर्थिक संकट में घिरे देश में पर्यटन को बढ़ावा मिलने से आर्थिक मदद मिलेगी।
भारत और श्रीलंका दोनों ने 2008 में सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों पर आधारित रामायण हेरिटेज को बढ़ावा देने के लिए काम करने पर सहमति जताई थी। श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और पर्यटन के ब्रांड अंबेसडर जयसूर्या ने सोमवार को भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले से कोलंबो में मुलाकात की। भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि मुलाकात में भारत और श्रीलंका के लोगों के बीच संबंध मजबूत करने व पर्यटन को आर्थिक संसाधन के रूप में विकसित करने पर चर्चा हुई।
ट्वीट के जवाब में जयसूर्या ने मंगलवार को भारतीय उच्चायुक्त बागले को धन्यवाद देते हुए कहा, हम लोग रामायण ट्रेल को भारतीय पर्यटकों के बीच प्रचारित करेंगे। आपको बता दें, रामायण प्राचीन भारत के दो प्रमुख संस्कृत महाकाव्यों में से एक है और हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। श्रीलंका में रामायण ट्रेल पर 52 स्थल हैं। मई में भारत से 5,562 पर्यटक श्रीलंका की यात्रा पर गए, जिसके बाद ब्रिटेन के करीब 3,723 पर्यटक वहां पहुंचे।
53 वर्षीय पूर्व श्रीलंकाई क्रिकेटर और कप्तान सनथ जयसूर्या को पिछले हफ्ते श्रीलंका का पर्यटन ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया। श्रीलंका इस दौरान अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। 1948 में अपनी स्वतंत्रता के बाद से श्रीलंका सबसे खराब आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। सरकार ने अपने अंतरराष्ट्रीय ऋण का भुगतान करने से इनकार करके अप्रैल में देश को दिवालिया घोषित कर दिया था। इस दौरान श्रीलंका को आर्थिक सहायता देने में भारत सबसे आगे रहा है। भारत ने मौजूदा वर्ष के दौरान करीब चार अरब अमरीकी डालर की आर्थिक सहायता श्रीलंका को पहुंचाई है।