यरूशलम: इजरायल की सेना और शिन बेट सुरक्षा एजेंसी ने कहा है कि उन्होंने गाजा के एक स्कूल पर हवाई हमले में हमास की सुरक्षा सेवाओं के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय के प्रमुख मुहम्मद अहमद अलबेक को मार गिराया है।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार गाजा शहर के दाराज अल तुफ्फाह इलाके में मूसा बिन नुसैर स्कूल पर रविवार को हुए हमले में कम से कम आठ लोग मारे गए। यह स्कूल विस्थापित लोगों को शरण दे रहा था। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली सेना और शिन बेट ने एक संयुक्त बयान में दावा किया कि स्कूल परिसर के भीतर हमास का एक कमांड सेंटर स्थित था, जिस पर वायु सेना ने हमला किया था।
बयान में कहा गया है, ''हमास का सुरक्षा निदेशालय खुफिया आकलन तैयार करता है, जो हमास के निर्णय लेने में सहायता करता है और यह वरिष्ठ हमास सदस्यों की सुरक्षा के लिए भी जिम्मेदार है। साथ ही यह उन्हें सैन्य गतिविधियों की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए छिपने के स्थान उपलब्ध कराता है। इसने अलबेक को हमास के सुरक्षा तंत्र में एक सेंट्रल फिगर बताया है।'' इस बीच, आधिकारिक मीडिया रिपोर्टों और सैन्य स्रोतों के अनुसार, दक्षिणी लेबनान के तैबेह गांव पर सोमवार को एक इजरायली ड्रोन हमले में दो लोग मारे गए और एक घायल हो गया।
राष्ट्रीय समाचार एजेंसी ने बताया कि हवाई हमले में तैबेह में एक स्कूल के पास लोगों के एक समूह को निशाना बनाया गया। लेबनानी रेड क्रॉस के एक सूत्र ने सिन्हुआ को बताया कि उसके दल ने तैबेह से दो शवों और एक घायल व्यक्ति को दक्षिणी लेबनान के नबातिह के एक अस्पताल में पहुंचाया। एक लेबनानी सैन्य सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि एक इजरायली ड्रोन ने तैबेह में स्कूल के पास हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल दागी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया।
सूत्र ने बताया कि इजरायली सेना ने दक्षिणी लेबनान के नकोउरा शहर के बाहरी इलाके की ओर भारी मशीन गन से गोलियां भी चलाईं। इस बीच, लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल ने सोमवार को एक बयान जारी कर सभी पक्षों से संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 1701 का उल्लंघन रोकने तथा ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचने का आह्वान किया, जिससे शत्रुता समाप्त होने तथा वर्तमान नाजुक स्थिरता को खतरा हो।
बयान के अनुसार, "यूएनआईएफआईएल दक्षिणी लेबनान से इजरायली सेना की वापसी और वहां लेबनानी सेना की तैनाती की प्रगति में तेजी लाने का पुरजोर आग्रह करता है।" अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से 27 नवंबर को युद्ध विराम लागू हुआ जिसका उद्देश्य इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग 14 महीने से चल रही लड़ाई को रोकना था।
युद्ध विराम समझौते की शर्तों में 60 दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से इजरायल की वापसी के साथ लेबनान-इजरायल सीमा पर और दक्षिणी लेबनान में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने के लिए लेबनानी सेना की तैनाती और क्षेत्र में हथियारों और आतंकवादियों की मौजूदगी पर प्रतिबंध शामिल है।