रहस्‍यमयी बीमारी से इस देश के लोग परेशान...सपने में दिख रहे मरे हुए लोग

दुनिया के अधिकतर देश इस वक्त कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की घातक लहर का सामना कर रहे हैं

Update: 2021-06-06 16:15 GMT

दुनिया के अधिकतर देश इस वक्त कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की घातक लहर का सामना कर रहे हैं. इसी बीच कनाडा (Canada) में एक रहस्यमय दिमागी बीमारी (Brain Syndrome) से दहशत फैल गई है. अभी तक यहां 48 संक्रमित मरीज मिल चुके हैं, जिनमें अनिद्रा (Insomnia), अंगों में शिथिलता (Limb Dysfunction) और मतिभ्रम (Hallucinations) जैसे लक्षण दिखाई दिए हैं.

कनाडा के न्यू ब्रंसविक में मिले 48 मरीज
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस रहस्यमयी बीमारी के मरीज अटलांटिक तट पर बसे कनाडा के न्यू ब्रंसविक (New Brunswick) प्रांत में मिले हैं. इन लोगों को सपने में मरे हुए लोग दिख रहे हैं. जिसके बाद से यहां लोगों के बीच डर पैदा हो गया है. हालांकि इस बीमारी का पता लगाने के लिए कनाडा के कई न्यूरोलॉजिस्ट दिन-रात काम कर रहे हैं.
वैज्ञानिकों ने बताया क्यों फैल रही बीमारी
इस बीच वैज्ञानिकों ने ये दावा किया है कि यह बीमारी सेलफोन टॉवरों के रेडिएशन (Cellphone Towers Radiation) से फैल रही है. वहीं, कई वैज्ञानिक ऐसे भी हैं जो इस बीमारी के लिए कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को दोष दे रहे हैं. हालांकि, उनके इस दावे की कोई भी वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई है.
अब तक 6 लोगों की हो चुकी है मौत
वैज्ञानिकों ने बताया कि ये बीमारी कनाडा में आज से करीब 6 साल पहले फैलनी शुरू हुई थी. इसकी चपेट में दर्जनों लोग आ गए थे, जिसमें से 6 की मौत भी हो गई. लेकिन 15 महीने पहले कोरोना वायरस महामारी का कहर शुरू हो गया, जिसके कारण लोगों और स्वास्थ्य अधिकारियों का ध्यान इस बीमारी से हट गया. यही सबसे बड़ी चूक साबित हुआ.
वैज्ञानिकों के पास नहीं किसी सवाल का जवाब
हालांकि इतना समय बीतने के बाद भी वैज्ञानिकों के पास इस बीमारी का नाम तक नहीं है. लोग लगातार सवाल पूछ रहे हैं कि क्या यह बीमारी पर्यावरण से फैल रही है? क्या यह अनुवांशिक है? या फिर मछली या हिरण का मांस खाने से फैल रही है? अगर यह सब नहीं है तो क्या है? लेकिन वैज्ञानिक कुछ बता नहीं पा रहे हैं.
जनता को मार्च में दी गई बीमारी की जानकारी
इस रहस्यमयी बीमारी की सार्वजनिक सूचना जनता को मार्च में मिली, जब न्यू ब्रंसविक के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) ने एक प्रेस रिलीज में इसका जिक्र किया. डॉक्टरों का कहना है कि इसे लेकर धीमी प्रतिक्रिया वैश्विक महामारी के दौरान अन्य चिकित्सा स्थितियों की चुनौती को रेखांकित कर रही है. विज्ञान में असाधारण प्रगति के बावजूद हम अभी भी मानसिक रोग या न्यूरो से जुड़ी बीमारियों की जानकारी में कितने पिछड़े हुए हैं.


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