मंकीपॉक्स का कहर: वायरस के अब तक 800 से अधिक मरीज पाए गए, हवा में फैल सकता है ये खतरनाक वायरस
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जयपुर: मंकीपॉक्स के केस दुनिया भर में लगातार बढ़ते जा रहे हैं. मंकीपॉक्स की ये बीमारी 30 से भी ज्यादा देशों में अब तक फैल चुकी है. इसका खतरा और डर दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. इस वायरस के अब तक 800 से अधिक मरीज पाए जा चुके है. न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक एक्सपर्ट्स की राय मानी जाए तो उन्होंने आशंका जताई है कि मंकीपॉक्स की बीमारी हवा के जरिए फैल सकती है. उनके मुताबिक जिस तरह कोरोना वायरस हवा के जरिए फैलता है, उसी तरह मंकीपॉक्स भी इसके मरीज के आसपास रहने वाले लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक नाइजीरिया की एक जेल में 2017 में मंकीपॉक्स की बीमारी फैली थी. उस जेल में रहने वाले कैदियों के अलावा स्वास्थ्यकर्मियों को भी मंकीपॉक्स ने अपनी चपेट में ले लिया था. इस बीमारी की चपेट में वो लोग भी आ गए थे, जो इसके मरीजों के संपर्क में नहीं भी आए थे. इससे ये आशंका जाताई जा रही है कि मंकीपॉक्स बीमारी भी कुछ मामलों में हवा के जरिए फैल सकती है.
अब ये सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या ये बीमारी गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे बच्चों को भी प्रभावित कर सकती है. मिली जानकारी के मुताबिक मंकीपॉक्स प्रभावित 216 महिलाओं पर स्टडी हुई थी, जिसमें ये पाया गया कि हर 5 में 4 महिलाओं को मिसकैरिज हो गया था. उनके अजन्मे बच्चों की जांच में वायरस और उसके कुछ अंश मिले थे.
ऐसी अफवाहें भी सोशल मीडिया पर सामने आ रही है कि मंकीपॉक्स का ये नया रूप दरअसल कोरोना वैक्सीन का साइड इफेक्ट भी हो सकता है. हालांकि एक्सपर्ट्स इसे कोरी अफवाह बता रहे हैं. अगर हम भारत में मंकीपॉक्स की बात करें तो कुछ दिनों पहले गाजियाबाद में मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मामला दर्ज किया गया था. 5 साल की बच्ची के नमूने जांच के लिए आईसीएमआर एनआईवी पुणे भेजे गए थे ताकि पता लगाया जा सके कि क्या उसे खुजली और रैशेज के बाद मंकीपॉक्स हुआ है. एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के अनुसार लड़की ने मंकीपॉक्स के लिए नकारात्मक परीक्षण किया है. इस संदिग्ध मामले ने लोगों में थोड़ी दहशत पैदा कर दी थी क्योंकि मंकीपॉक्स के भारत पहुंचने की अटकलें तेज थीं.