आज श्रीलंका दौरे पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल, पीएम विक्रमसिंघे बोले- देश तेल खरीदने में असमर्थ
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन की अगुवाई में भारत सरकार का प्रतिनिधिमंडल बृहस्पतिवार को कोलंबो आएगा। इ
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन की अगुवाई में भारत सरकार का प्रतिनिधिमंडल बृहस्पतिवार को कोलंबो आएगा। इस दौरान वह श्रीलंका के वित्तीय हालात का आकलन करने के साथ यह समझने की कोशिश करेगा कि क्या इस देश को वित्तीय सहायता की एक और किस्त देने की जरूरत है। प्रतिनिधिमंडल तीन घंटे तक देश में रहेगा और राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे व पीएम रानिल विक्रमसिंघे से भी चर्चा करेगा।
पीएम विक्रमसिंघे बोले- देश तेल खरीदने में असमर्थ
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि कर्ज के बोझ से दबी उनकी अर्थव्यवस्था महीनों तक खाद्य पदार्थों, ईंधन और बिजली के अभाव के बाद चरमरा गई है। इस हालत में अब देश तेल खरीदने में असमर्थ है।
प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने बुधवार को संसद में कहा कि श्रीलंका महज ईंधन, गैस, बिजली और खाद्य सामग्री के अभाव से परे और भी गंभीर हालात का सामना कर रहा है। हमारी अर्थव्यवस्था मौजूदा दौर में पूरी तरह से चरमरा गई है। विक्रमसिंघे देश के वित्तमंत्री भी हैं और उन पर अर्थव्यवस्था को स्थिरता देने की अहम जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका आयातित तेल खरीदने में असमर्थ है क्योंकि उसके पेट्रोलियम निगम पर भारी कर्ज है। उन्होंने कहा, विदेशी मुद्रा संकट के चलते देश के हालात बिगड़े हैं जिससे लोगों को ईंधन, खाना पकाने और दवाओं समेत जरूरी सामान तक खरीदने के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है।
भारत भी लंबे समय तक हमें नहीं बचा पाएगा
श्रीलंका को मुख्य रूप से पड़ोसी देश भारत की उदार नीतियों के चलते चार अरब डॉलर की क्रेडिट लाइन मिली हुई है। लेकिन विक्रमसिंघे ने कहा कि भारत भी लंबे समय तक श्रीलंका को नहीं बचाए रख पाएगा। बता दें, श्रीलंका ने पहले ही इस साल देय विदेशी ऋण में सात अरब डॉलर के पुनर्भुगतान को निलंबित कर दिया है। हालांकि आईएमएफ से बचाव पैकेज पर चर्चा जारी है।