UNSC में बोला भारत, हिंसा को बढ़ावा देना शांति व सद्भाव के विरुद्ध

UNSC में बोला भारत

Update: 2022-06-22 13:43 GMT
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। हिंसा के विरोध में आवाज उठाते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nation Security Counsil, UNSC) में विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की वकालत की। भारत ने यूक्रेन पर आयोजित UNSC की बैठक में मंगलवार को कहा कि हिंसा को बढ़ावा देना शांति, सहिष्णुता और सद्भाव की भावना के खिलाफ है। भारत ने कहा कि संवैधानिक दायरे के भीतर विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का वैध प्रयोग लोकतंत्र को मजबूत करने व असहिष्णुता का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण और सकारात्मक भूमिका निभाता है।
UNSC में भारत ने कहा, 'नि:संदेह आतंकवाद सभी धर्मों और संस्कृतियों का विरोधी है। सुरक्षा परिषद की इस बैठक का विषय 'हिंसा को उकसावे से अत्याचार अपराध को बढ़ावा' था। संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर रवींद्र ने कहा, 'हमें कट्टरपंथ और आतंकवाद दोनों का ही सामूहिक रूप से मुकाबला करना चाहिए।' उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से यह मानता रहा है कि लोकतंत्र और बहुलवाद के सिद्धांतों पर आधारित समाज विविध समुदायों को एक साथ रहने के लिए एक अच्छा वातारण उपलब्ध कराता है।
नफरत फैलाने वाले भाषणों के खिलाफ अभियान चुनिंदा धर्मों तक न हो सीमित
भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि यह सुनिश्चित करना संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेदारी है कि नफरत फैलाने वाले भाषणों और भेदभाव के खिलाफ अभियान कुछ चुनिंदा धर्मों और समुदायों तक ही सीमित न रहे। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यूक्रेन संकट ने न केवल यूरोप बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित किया है, युद्ध व्यापक रूप से क्षेत्रीय व वैश्विक अस्थिरता पैदा कर रहा है।
भारत यूक्रेन के गंभीर हालात को लेकर चिंतित
रवींद्र ने कहा, यूक्रेन की दिन-प्रतिदिन बिगड़ती स्थिति को देखकर भारत बहुत चिंतित है। कहा, हम इस युद्ध को समाप्त करने के लिए सभी राजनयिक प्रयासों का समर्थन करते हैं, हम विशेष रूप से यूक्रेन और रूस के बीच बातचीत का समर्थन करते हैं।
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