ऐतिहासिक फैसला : गर्भपात के 50 साल पुराने संवैधानिक अधिकार को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने किया खत्म

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात के लगभग 50 साल पुराने संवैधानिक अधिकार को समाप्त करने का फैसला सुनाया है।

Update: 2022-06-25 00:54 GMT
Historic verdict: US Supreme Court abolishes 50-year-old constitutional right to abortion

फाइल फोटो 

  • whatsapp icon

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात के लगभग 50 साल पुराने संवैधानिक अधिकार को समाप्त करने का फैसला सुनाया है। इस कानून के तहत अमेरिकी महिलाओं के पास अधिकार था कि वे गर्भपात करने या ना कराने का खुद फैसला ले सकती हैं। इसी के साथ अदालत ने लगभग 50 साल पुराने 1973 के ऐतिहासिक "रो वी वेड" के फैसले को पलट दिया, जिसने महिला के गर्भपात के अधिकार को सुनिश्चित किया और कहा था कि अलग-अलग राज्य स्वयं प्रक्रिया को अनुमति दे सकते हैं या प्रतिबंधित कर सकते हैं।

रो और केसी को खारिज किया
अदालत का फैसला डोब्स बनाम जैक्सन महिला स्वास्थ्य संगठन के निर्णायक मामले में आया, जिसमें मिसिसिपी के अंतिम गर्भपात क्लिनिक ने 15 सप्ताह के बाद गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने और इस प्रक्रिया में रो को उलटने के राज्य के प्रयासों का विरोध किया। न्यायमूर्ति सैमुअल अलिटो द्वारा लिखित बहुमत की राय में कहा गया कि गर्भपात एक गहरा नैतिक मुद्दा है, जिस पर अमेरिकी लोग विरोधी विचार रखते हैं। हम मानते हैं कि रो और केसी को खारिज कर दिया जाना चाहिए। संविधान हर राज्य के नागरिकों को गर्भपात को विनियमित करने या प्रतिबंधित करने से प्रतिबंधित नहीं करता है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
कोर्ट ने कहा कि संविधान गर्भपात का कोई संदर्भ नहीं देता है और ऐसा कोई अधिकार किसी भी संवैधानिक प्रावधान द्वारा निहित रूप से संरक्षित नहीं है। 1973 के फैसले को पलटने से फिर से अलग-अलग अमेरिकी राज्यों को गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति मिल जाएगी। कम से कम 26 राज्यों से ऐसा तुरंत या जल्द से जल्द करने की उम्मीद है।
बाइडन बोले- अदालत के फैसले गरीब महिलाओं को होगा नुकसान
गर्भपात कानून पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि गरीब महिलाओं को इस फैसले से सबसे ज्यादा नुकसान होगा। यह मेरे विचार से देश के लिए एक दुखद दिन है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लड़ाई खत्म हो गई है।
राष्ट्रपति बाइडन ने कांग्रेस से गर्भपात सुरक्षा को कानून में बहाल करने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का आग्रह किया और कहा कि हिंसा कभी भी स्वीकार्य नहीं है। इस निर्णय को अंतिम निर्णय नहीं मानें।
अदालती मसौदा लीक होते ही शुरू हो गया था विरोध
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में इस समय रिपब्लिकन राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में नियुक्त न्यायाधीशों का बहुमत है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का कच्चा मसौदा कुछ सप्ताह पहले ही लीक हो गया था। इसके बाद सैकड़ों अमेरिकी शहरों में लाखों लोग सड़कों पर उतर आए थे।
डेमोक्रेटिक राज्यों में अधिकार का समर्थन
कैलिफ़ोर्निया, न्यू मैक्सिको और मिशिगन सहित कई राज्यों के डेमोक्रेटिक गवर्नर पहले ही अपने संविधानों के भीतर गर्भपात के अधिकारों को सुनिश्चित करने की योजना की घोषणा कर चुके हैं। अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने बृहस्पतिवार को सात राज्यों के डेमोक्रेटिक अटॉर्नी-जनरल से मुलाकात की और चर्चा की। अमेरिकी संसद के निचले सदन की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने कहा यह काला और अतिवादी फैसला है।
13 रिपब्लिकन राज्यों में प्रतिबंध
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर रिपब्लिकन शासन वाले अमेरिका के तेरह राज्य ट्रिगर कानून पारित कर चुके हैं, यानी जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात के अधिकार को छीना, वैसे ही इन राज्यों में स्वतः ही गर्भपात पर प्रतिबंध लागू हो गया है।
Tags:    

Similar News