यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए Vitamin-C का करें सेवन, ये भी हैं फायदेमंद

जब शरीर प्यूरीन को पचाता है तो यूरिक एसिड बाय-प्रोडक्ट के रूप में बॉडी में उत्पन्न होता है।

Update: 2020-12-26 11:22 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Uric Acid Home Remedies: जयूरिक एसिड। प्यूरीन एक जरूरी अमीनो एसिड है जो शरीर में खुद-ब-खुद तो बनता ही है, साथ में कुछ फूड्स में भी ये प्रोटीन पाया जाता है। शरीर में यूरिक एसिड की अधिकता से लोग गठिया से पीड़ित हो जाते हैं। वहीं, जोड़ों में दर्द, गाउट और सूजन जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होने का एक कारण शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ना भी माना जाता है। ऐसे में इसे कंट्रोल करने की कोशिश करना बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि विटामिन-सी युक्त फूड्स खाने से यूरिक एसिड पर काबू पाया जाता है।



विटामिन-सी है असरदार: माना जाता है कि शरीर में विटामिन सी की कमी से भी लोग हाइपरयूरिसेमिया से पीड़ित हो जाते हैं। नींबू, आंवला जैसे विटामिन सी युक्त फूड्स यूरिक एसिड के स्तर को काबू रखने में मददगार है। शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा यूरिक एसिड को बाहर निकालने में नींबू असरदार माना जाता है। वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार आंवला यूरिक एसिड के मरीजों के लिए रामबाण दवा की तरह काम करता है। इसके अलावा, एक अमरूद में तकरीबन 126 मिलीग्राम विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है।


हरी पत्तेदार साग: मेथी में भी विटामिन-सी मौजूद होता है जो यूरिक एसिड का स्तर संतुलित रखने में मददगार है। इसमें कैल्शियम और आयरन उच्च मात्रा में मौजूद होता है, जो जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। वहीं, पालक में भी विटामिन-सी उच्च मात्रा में पाया जाता है। पालक खाने से यूरिक एसिड के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द से भी राहत मिलती है। इसके अलावा, बथुआ में मौजूद पोषक तत्व भी यूरिक स्तर घटाने में मददगार है।

इन फलों का सेवन है फायदेमंद: बेरीज में पाए जाने वाले गुण हाई यूरिक एसिड से ग्रस्त मरीजों को आराम पहुंचाते हैं। इस फल में नैचुरल एंटी-इन्फ्लेमेट्री तत्व ऐंथोसायानिन मौजूद होते हैं। ये यूरिक एसिड के स्तर को काबू करने में मददगार है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार केला खाना भी इन मरीजों के लिए फायदेमंद है। इसमें मौजूद पोटैशियम यूरिक एसिड को यूरिन के जरिये बाहर निकालने में मदद करता है। केला में प्रोटीन की मात्रा कम होती है, इससे शरीर में इस एसिड की अधिकता होने का खतरा नहीं होता है।



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